लोकसभा में रेल मंत्री ने विपक्ष को दिया आंकड़ों वाला डोज, हादसों से लेकर बजट पर किया लाजवाब 

Railway Minister Ashwini Vaishnav Speech: रेल मंत्री ने कहा कि 2005-06 में रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने समेत रेल हादसों की संख्या करीब 700 प्रतिवर्ष थी, जो अब घटकर 73 रह गई है.

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Railway Minister Ashwini Vaishnav Speech: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में जोरदार भाषण दिया.

Railway Minister Ashwini Vaishnav Speech: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को लोकसभा में जोरदार बयान दिया. भाषण में आंकड़ों का ऐसा तगड़ा डोज था कि विपक्ष भी लाचार दिखा. रेल मंत्री ने विपक्षी सदस्यों के सवालों का जवाब दिया. रेल हादसों और रेल बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ मनमानी पर आंकड़ों के साथ बात की और पूछा कि आप ही बताएं किसकी सरकार में रेल हादसे कम हुए और किस राज्य के साथ भेदभाव हो रहा है. 

...और लालू, ममता, खरगे सब घिर गए

रेल मंत्री ने कहा कि 2005-06 में रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने समेत रेल हादसों की संख्या करीब 700 प्रतिवर्ष थी, जो अब घटकर 73 रह गई है. उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठाए जाने के परिणामस्वरूप रेल दुर्घटनाओं में 90 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आयी है. वित्त वर्ष ‘2025-26 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान मांगों' पर सदन में हुई चर्चा के जवाब में वैष्णव ने कहा कि 2005-06 में जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, तो एक साल में रेलगाड़ियों की 234 दुर्घटनाएं घटती थीं और ट्रेनों के पटरी उतरने की घटनाओं को मिलाकर करीब 700 हादसे होते थे. तब हर दिन औसतन दो हादसे होते थे. वैष्णव ने कहा कि ममता बनर्जी के रेल मंत्री बतौर कार्यकाल में एक साल में 165 रेल हादसे और 230 घटनाएं रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की सामने आती थीं, यानी हर दिन औसतन एक हादसे की दर से कुल 395 मामले सामने आए. रेल मंत्री ने कहा कि जब मल्लिकार्जुन खरगे देश के रेल मंत्री थे तो एक साल में 118 ट्रेन हादसे होते थे और पटरी से रेलगाड़ियों के उतरने की 263 घटनाएं सामने आती थीं, यानी हर दिन औसत एक हादसा होता था.

फिर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एक-एक राज्य में रिकॉर्ड बजट दिया गया है. जो लोग भेदभाव का आरोप लगाते हैं, वह बिल्कुल गलत है. सरकार सभी राज्यों को इतना बजट दे रही है तो इसमें भेदभाव कहां है.

  • आंध्र प्रदेश में जहां 886 करोड़ का बजट होता था, वहां 9400 करोड़ रुपये का बजट है
  • असम और नॉर्थ ईस्ट में 2000 करोड़ का बजट होता था, वहां 10400 करोड़ रुपये का बजट है
  • बिहार में जहां 1000 करोड़ का बजट होता था, वहां 10000 करोड़ रुपये का बजट है
  • दिल्ली के लिए 100 करोड़ भी नहीं देते थे, आज वहां ढाई हजार करोड़ रुपये का बजट है
  • अब तो दिल्ली में डबल इंजन सरकार है, बहुत तेजी से काम चलेगा
  • गुजरात के लिए 500 करोड़ का बजट होता था, आज 17000 करोड़ रुपये का है 
  • हरियाणा के लिए 300 करोड़ का बजट होता था, आज 3500 करोड़ रुपये का है 
  • हिमाचल के लिए 100 करोड़ का होता था, आज ढाई हजार करोड़ रुपये का बजट है 
  • झारखंड का 450 सौ करोड़ का बजट होता था, लेकिन आज 7000 करोड़ रुपये का बजट है
  • कर्नाटक के लिए 850 करोड़ की जगह 7500 करोड़ रुपये दे रहे हैं
  • केरल के लिए 300 करोड़ होता था, लेकिन आज 3500 करोड़ रुपये है
  • मध्य प्रदेश का 600 करोड़ की जगह अब 14000 करोड़ बजट रुपये है.
  • महाराष्ट्र का बजट 1000 करोड़ था, पर आज 23000 करोड़ रुपये है 
  • उड़ीसा 800 करोड़ का था, आज 10,000 करोड़ रुपये का है 
  •  पंजाब में 225 करोड़ का बजट था,  आज 5500 करोड़ रुपये का है.
  • तमिलनाडु में 800 करोड़ का बजट होता था, पर आज 6626 करोड़ रुपये का है 
  • तेलंगाना नया राज्य बना, उसका 5337 करोड़ रुपये का बजट है.
  • उत्तराखंड का 100 करोड़ का बजट होता था, लेकिन अब 4600 करोड़ रुपये का बजट है 
  • यूपी का 1000 करोड़ का बजट होता था, आज 19000 करोड़ रुपये का बजट है 
  • बंगाल का 4380 करोड़  का बजट था, आज मोदी सरकार में 14000 करोड़ रुपये का बजट दिया जा रहा है.

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