ममता बनर्जी के चुनावी हेरफेर वाले दावे पर पश्चिम बंगाल के चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने जानिए क्या दिया जवाब

Chief Electoral Officer Of West Bengal Replied To Mamata Banerjee: ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से मतदाता सूची में अपना नाम सत्यापित करने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के बहाने वैध मतदाताओं को हटाया जा सकता है.

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Chief Electoral Officer Of West Bengal Replied To Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी हेरफेर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि मतदाता सूची अपडेट प्रोसेस स्थापित कानूनी प्रोटोकॉल का पालन करती है. यह टिप्पणी ममता बनर्जी द्वारा भाजपा पर राज्य में चुनावों को प्रभावित करने के लिए फर्जी मतदाताओं को जोड़ने का आरोप लगाने के बाद आई है. पश्चिम बंगाल के सीईओ ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया, जिसमें मतदाता सूची अपडेट की प्रक्रिया को बताया गया है.

सीईओ ने क्या कहा

पोस्ट में लिखा है, "आरपी एक्ट 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और मतदाता सूची पर नियमावली के अनुसार, किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में संबंधित बीएलओ, एईआरओ, ईआरओ, डीईओ और सीईओ मतदाता सूची के अपडेशन के लिए काम करते हैं. यह राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंटों की सक्रिय भागीदारी के साथ किया जाता है. कोई भी विशिष्ट दावा या आपत्ति पहले पश्चिम बंगाल में संबंधित 80,633 बीएलओ, 3,049 ईआरओ और 294 ईआरओ के समक्ष की जानी चाहिए."

चुनाव आयोग की ओर से यह प्रतिक्रिया ममता बनर्जी द्वारा पूरे पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक समिति की घोषणा के मद्देनजर आई है.

चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा, "मतदाता सूची बनाने के हर चरण में राजनीतिक दल शामिल होते हैं. अगर किसी कदम पर किसी राजनीतिक दल को कोई आपत्ति होती है, तो उसकी तुरंत सुनवाई की जाती है. नाम जोड़ने या हटाने पर हर आपत्ति की जांच मतदाता सूची अधिकारी द्वारा की जाती है. कांग्रेस ने राज्य में चुनाव के बाद महाराष्ट्र में 48 लाख मतदाताओं को जोड़ने पर सवाल उठाए, लेकिन केवल एक शिकायत ही सीईओ के कार्यालय तक पहुंची." 

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गुरुवार को, ममता बनर्जी ने भाजपा पर महाराष्ट्र और दिल्ली में कथित चुनावी कदाचार की तुलना करते हुए मतदाता सूचियों में हेरफेर करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने अन्य राज्यों में भी इसी तरह की रणनीति अपनाई है और अब पश्चिम बंगाल में भी ऐसा ही करने का प्रयास कर रही है.

ममता बनर्जी ने कहा, "चुनाव आयुक्त के कार्यालय में बैठकर, उन्होंने ऑनलाइन फर्जी मतदाता सूची बनाई है और पश्चिम बंगाल के हर जिले में फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं. इस तरकीब का इस्तेमाल करके उन्होंने दिल्ली और महाराष्ट्र में चुनाव जीता है. महाराष्ट्र में विपक्ष इन तथ्यों का पता नहीं लगा सका. ज्यादातर फर्जी मतदाता हरियाणा और गुजरात से हैं. बीजेपी चुनाव आयोग के आशीर्वाद से मतदाता सूची में हेरफेर कर रही है, बंगाल की संस्कृति ने आजादी को जन्म दिया."

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ममता बनर्जी ने क्या कहा

ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से मतदाता सूची में अपना नाम सत्यापित करने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के बहाने वैध मतदाताओं को हटाया जा सकता है. उन्होंने कहा, "एनआरसी और सीएए के नाम पर वास्तविक नाम किसी भी दिन हटाए जा सकते हैं. इसके दो मुख्य उद्देश्य हैं. एक है टीएमसी को हराना और सूची में से इनके जरिए व्यक्तियों के नाम हटाना. यह चुनाव आयोग के आशीर्वाद से किया जा रहा है. डेटा ऑपरेटरों पर नजर रखें. अगर कोई जमीनी स्तर पर है, तो वह टीएमसी है. 2026 के विधानसभा चुनावों में, हमें गेंद को और जोर से मारना होगा, और इसकी शुरुआत मतदाता सूची से होगी. यह बूथ स्तर पर किया जाना है. जिला अध्यक्ष को यह करना होगा."

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