यूपी में बाढ़ के हालात से 16 ज़िले प्रभावित हैं. नेपाल से छोड़े गए पानी की वजह से नेपाल से सटे ज़िलों में नदियों का पानी बढ़ने से बाढ़ ने आम जनजीवन अस्तव्यस्त किया है. बाढ़ की स्थिति देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी ज़िलों के अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों को बिना ढिलाई करने के निर्देश दिए हैं. बाढ़ की वजह से कुल 16 ज़िलों में ग्रामीण इलाकों में पानी आने की वजह से लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है.
कहां-कहां है बाढ़ का असर?
यूपी में कुल 16 ज़िलों की 41 तहसीलों के 923 गांवों में बाढ़ का पानी आया है. इन 16 जिलों में पीलीभीत, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, मुरादाबाद, बरेली, आज़मगढ़ और बलिया के कुछ गांवों में नदियों का पानी बढ़ने से बाढ़ आई है. इन 16 जिलों में 36 गांवों में नदियों की कटान का भी असर हुआ है. बाढ़ की वजह से अब तक कुल 18 लाख की आबादी पर असर आया है और 14 लोगों की मौत हुई है.
प्रशासन ने कितनी मदद की?
योगी सरकार की तरफ से सभी 16 बाढ़ प्रभावित ज़िलों में प्रशासन को राहत पहुंचाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन की तरफ से बाढ़ प्रभावित 923 गांवों में अब तक ढाई लाख लंच पैकेट्स, 11 हज़ार खाद्यान्न पैकेट्स, और 109 जगहों पर लंगर की व्यवस्था की गई है. प्रशासन ने कुल 764 नाव बाढ़ प्रभावित गांवों में लगाई है. साथ ही 756 जगहों पर लोगों के रहने के लिए शरण स्थली स्थापित की है. अब तक कुल 11 हज़ार से ज़्यादा लोगों को शरणालय तक पहुंचाया गया है, जिसमें वर्तमान में डेढ़ हज़ार से अधिक लोग वहीं रह रहे हैं. राज्य सरकार की तरफ़ से 642 मेडिकल टीमों को बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में तैनात किया गया है. लखनऊ में राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार लगातार राहत कार्यों पर काम कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को निर्देश देने के अलावा तीन बाढ़ प्रभावित ज़िलों का दौरा किया है. साथ ही कुछ ज़िलों का हवाई सर्वेक्षण भी किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखीमपुर और गुरुवार को बलरामपुर और श्रावस्ती का दौरा किया. तीनों ज़िलों में सीएम ने पहले हवाई सर्वेक्षण किया, फिर ख़ुद गांवों में जाकर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई. सीएम ने प्रशासन से खाने पीने की व्यवस्था के अलावा मेडिकल सुविधा, रहने की व्यवस्था, पशुओं के चारे, भूसे समेत अन्य सुविधाएँ समय से पहुँचाने को कहा है. राहत आयुक्त कार्यालय के साथ साथ बाढ़ पर मंत्रालय और मुख्यमंत्री कार्यालय लगातार नज़र बनाए हुए है.