पांच जून को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की दूसरा प्राण प्रतिष्ठा समारोह हो गया. इस समारोह के साथ ही श्री राम जन्मभूमि परिसर में राजा राम और बाकी देवताओं की स्थापना भी हो गई. जनवरी 2024 में मंदिर में पहली प्राण प्रतिष्ठा हुई थी और अब गुरुवार को हुआ यह दूसरा आयोजन था. इस दौरान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के चेयरमैन और राम मंदिर निर्माण के सूत्रधार नृपेंद्र मिश्रा ने एनडीटीवी के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में मंदिर में बने पांच खास मंडपों के बारे में बताया.
क्या है इन 5 मंडपों में
नृपेंद्र मिश्रा ने इस बातचीत में कहा, 'अगर आप देखें तो मंदिर के पांच मंडप है. ये पांचों मंडप पर स्वर्ण शिखर बने हुए हैं. ये सब पूरे हो गए हैं. सबसे ऊंचाई पर यानी 161 फीट पर जो स्वर्ण शिखर है, वह मुख्य मंदिर का गर्भग्रह है, जहां पर रामलला हैं और अब प्रथम तल पर राम दरबार है.'
उन्होंने जानकारी दी कि अब कोई निर्माण कार्य अधूरा नहीं है और मंदिर के पांच मंडप है जिसमें कोई भी आ-जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर में लगभग चार लाख 50 हजार क्यूबिक फीट पत्थर लगा है. परकोटा में छह मंदिर हैं और इन सभी छह मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है.
तीन दिन तक चला कार्यक्रम
तीन दिनों तक चला प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव तीन जून से शुरू हुआ था. 5 जून को इसका समापन हो गया जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि थे. यह कार्यक्रम अंजनेया सेवा ट्रस्ट की तरफ से आयोजित किया गया था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता की थी. खास बात थी कि यह कार्यक्रम उनके 53वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित हुआ था. प्राण प्रतिष्ठा के लिए लखनऊ से 62,000 डिब्बे प्रसाद के भेजे गए थे.