आज लखनऊ में किसान महापंचायत करने जा रहे हैं. कृषि क़ानूनों की वापसी के ऐलान के बावजूद किसानों ने पहले से तय कार्यक्रम रद्द न करने का फ़ैसला किया है. महापंचायत में एमएसपी पर कानून और गृह राज्यमंत्री की बर्ख़ास्ती ही अहम मुद्दा होगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि क़ानून वापसी के ऐलान के बावजूद उनका आंदोलन जारी रहेगा. महापंचायत के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों के पहुंचने की संभावना है.
यूपी के मुजफ्फरनगर से भी भारी तादाद में किसानों का जत्था किसान महापंचायत में शिरक़त करने के लिए रवाना हुआ. भारतीय किसान यूनियन युवा मोर्चा के अध्यक्ष गौरव टिकैत के नेतृत्व में किसानों के इस जत्थे ने लखनऊ कूच किया. नौचंदी एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होकर किसानों का ये जत्था लखनऊ रवाना हुआ है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, आंदोलनरत किसानों की छह मांगें रखीं
आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खुला पत्र लिखा और कहा कि जब तक सरकार उनकी छह मांगों पर वार्ता बहाल नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वहीं, नरमी का कोई संकेत न दिखाते हुए किसान संगठनों ने घोषणा की कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने संबंधी कानून के लिए दबाव बनाने के वास्ते सोमवार को लखनऊ में महापंचायत के साथ ही अपने निर्धारित विरोध प्रदर्शनों पर अडिग हैं.
किसानों ने कहा कृषि कानून वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन, MSP की चाहिए गारंटी
उधर, सरकारी सूत्रों ने रविवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दिए जाने पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा विचार किए जाने की संभावना है ताकि उन्हें संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके.
महापंचायत में भाग लेने के लिए पश्चिमी यूपी से हजारों किसान कूच कर रहे