केरल निकाय चुनाव का निचोड़: BJP ने क्या पाया और क्या खोया, 12 पॉइंट्स में समझिए

केरल नगर निकाय चुनाव के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, एनडीए ने राज्य भर में 1,900 से अधिक वार्ड जीते (पिछली बार की तुलना में 300 से अधिक, जब भाजपा को लगभग 15% वोट शेयर मिला था) हैं. इस बार के वोट शेयर का आधिकारिक आंकड़ा तो अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एनडीए ने 20% का आंकड़ा पार कर लिया है.

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  • केरल स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने नगर निगमों और नगर पालिकाओं में जीत हासिल की
  • बीजेपी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में 45 साल बाद एलडीएफ शासन को हराकर अपनी राजनीतिक मजबूती का परिचय दिया है
  • बीजेपी ने कोझिकोड, कन्नूर और पलक्कड़ जैसे वामपंथी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सीटें जीतकर अपनी पैठ बढ़ाई है
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तिरुवनंतपुरम:

केरल विधानसभा चुनाव का 'सेमीफाइनल' माने जा रहे निकाय चुनावों के नतीजे आ चुके हैं. इन नतीजों से दो बहुत खुश हैं. पहली कांग्रेस और दूसरी BJP. कांग्रेस की खुशी: राहुल गांधी के लिए  खुशी की बात यह है कि कांग्रेस के नेतृत्व में यूडीएफ ने सत्तारूढ़ वाम मोर्चे को रेड सिग्नल दे दिया है. CPM के अगुवाई वाले वाम मोर्चे को चारों खाने चित कर दिया. यानी ग्राम पंचायत, ब्लॉक पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम, चारों जगह पटखनी दी. BJP की खुशी: केरल निकाय चुनावों के नतीजों से दूसरा कोई सबसे ज्यादा खुश है तो वह बीजेपी है. बीजेपी के चेहरे पर मुस्कुराहट की सबसे बड़ी वजह तिरुअनंतपुरम है (थरूर के घर में BJP निकली धुरंधर, पढ़ें). 45 साल से लेफ्ट के गढ़ में भगवा परचम लहरा रहा है. 2 निर्दलीय अगर साथ आ गए तो पार्टी अपना पहला मेयर भी बना लेगी. हालांकि बीजेपी की खुशी की वजहें दूसरी भी हैं. केरल के अभेद्य माने जाने वाले किले में उसने ठीकठाक सेंध लगा दी है. यानी केरल में कई जगह मुकाबला अब धीरे धीरे त्रिकोणीय होता जा रहा है. केरल के निकाय चुनावों के नतीजे बीजेपी के लिहाज से कैसे रहे हैं, 12 पॉइंट्स में समझिए...

केरल निकाय चुनाव नतीजे: किसे क्या मिला

मोर्चा/गठबंधनUDFLDFNDA
ग्राम पंचायत50534026
ब्लॉक प्रमुख79630
जिला पंचायत770
नगर पालिका 54282
नगर निगम 41

  1. लेफ्ट से तिरुअनंतपुरम का किला छीना: केरल नगर निगम चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीदों से कहीं बेहतर रहा है. तिरुअनंतपुरम नगर निगम में उसने निर्णायक जीत दर्ज करते हुए 45 साल से चले आ रहे एलडीएफ शासन का अंत किया.
  2. कोझिकोड और कन्नूर में भी बढ़ाए कदम: बीजेपी ने कोझिकोड और कन्नूर जैसे वामपंथी गढ़ों में भी महत्वपूर्ण पैठ बनाई और क्रमशः 13 और 4 सीटें जीतीं. उसने पलक्कड़ नगर पालिका पर अपना नियंत्रण बरकरार रखा और त्रिपुनिथुरा नगर पालिका में जीत हासिल की, जबकि एनडीए ने कुल मिलाकर 26 ग्राम पंचायतों में जीत दर्ज की.
  3. पंडालम में झटका: एनडीए ने हालांकि, पंडालम नगर पालिका पर एलडीएफ के हाथों नियंत्रण खो दिया, लेकिन उसने त्रिपुनिथुरा नगर पालिका को सीपीएम से छीन लिया और पलक्कड़ नगर पालिका पर अपना नियंत्रण बरकरार रखा.
  4. केरल में तीसरा फैक्टर बनी BJP: बीजेपी को मिली बढ़त, ये संदेश दे रही है कि केरल का सियासी गणित बदल रहा है. बीजेपी ने विशेषकर निगमों और नगरपालिकाओं में बढ़त हासिल की है. इससे केरल में सियासी लड़ाई कांग्रेस और लेफ्ट के बीच नहीं रह गई है. बीजेपी के आने के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. 
  5. BJP का उत्तर वाला फॉर्म्युला केरल में भी चला!: केरल चुनाव में बीजेपी अपने विकास के मुद्दे को लेकर ही आगे चली. देशभर में यह फॉर्मूला सफल रहा है, अब दक्षिण के राज्‍य में भी बीजेपी का यह मुद्दा काम आया है. तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत इसी विकास की राजनीति का परिणाम है.
  6. सबरीमाला में BJP को बड़ा झटका: सबरीमाला मंदिर से घनिष्ठ रूप से जुड़े पथानामथिट्टा जिले के पंडालम नगर पालिका में भाजपा को करारा झटका लगा. 2020 के स्थानीय निकाय चुनावों में 18 सीटें जीतकर नगरपालिका पर नियंत्रण हासिल करने के बाद, भाजपा इस बार केवल नौ सीटें ही जीत पाई और तीसरे स्थान पर खिसक गई. वहीं, एलडीएफ ने बहुमत प्राप्त किया.
  7. सबरीमाला में क्यों हारी: पंडालम नगर पालिका में समन्वय की कमी, आंतरिक कलह और लापरवाह प्रशासन लंबे समय से नकारात्मक संकेत दे रहे थे. बीजेपी ने इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठा नहीं पाई, जिसके परिणामस्वरूप उसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.
  8. कोझिकोड में भगवा रंग: तिरुअनंतपुरम के साथ कोझिकोड नगर निगम में एनडीए ने दमदार प्रदर्शन करते हुए अपनी सीटों की संख्या में छह की बढ़ोतरी की और 13 सीटों तक पहुंच गया, जो यूडीएफ द्वारा जीती गई सीटों की आधी है. हालांकि, एलडीएफ ने नगर निगम पर अपना नियंत्रण बरकरार रखा.
  9. पलक्कड़, त्रिप्पुनितुरा में भी बढ़ाए कदम:  केरल निगम चुनाव में पहली बार एनडीए ने एलडीएफ से त्रिप्पुनितुरा नगर पालिका पर कब्जा किया और पलक्कड़ नगर पालिका में भी अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा.
  10. त्रिप्पुनितुरा  नगर पालिका में BJP को बड़ा फायदा201520202025
    UDF9812
    LDF252120
    NDA131521
    अन्य251
  11. वोट की चोट: केरल नगर निकाय चुनाव के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, एनडीए ने राज्य भर में 1,900 से अधिक वार्ड जीते (पिछली बार की तुलना में 300 से अधिक, जब भाजपा को लगभग 15% वोट शेयर मिला था) हैं. इस बार के वोट शेयर का आधिकारिक आंकड़ा तो अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एनडीए ने 20% का आंकड़ा पार कर लिया है. 

  12. 13 नगर पालिकाओं में एंट्री: एनडीए 13 नगर पालिकाओं में दूसरा सबसे बड़ा गठबंधन बनकर उभरा और कासरगोड में एक जिला पंचायत सीट जीती.

  13. कहां कितनी बढ़ी BJP: केरल चुनाव में निगमों में एनडीए ने तिरुवनंतपुरम में 15 सीटें, कोल्लम में छह, कोच्चि में एक, त्रिशूर में दो, कोझिकोड में छह और कन्नूर में तीन सीटें अपने नाम की हैं.

तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत

एनडीए ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्‍व वाले एलडीएफ को शिकस्त देकर तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर लगातार 45 वर्षों के वामपंथी शासन का अंत कर दिया. तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 वार्ड में से भाजपा को 50 में जीत मिली. यहां मेयर भी बीजेपी की बन सकती है. कांग्रेस नेता शशि थरूर इसी क्षेत्र से आते हैं. कई मुद्दों पर कांग्रेस से अलग विचार रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि जनता के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए, चाहे वह यूडीएफ के लिए हो या उनके निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के लिए. 

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