केरल हाईकोर्ट ने प्रेमिका को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी एक डॉक्टर को राहत देते हुए मंगलवार को उन्हें स्नातकोत्तर कक्षाओं में पढ़ाना फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी. डॉ. रुवैस ने केरल मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट एसोसिएशन (केएमपीजीए) का नेतृत्व किया. यहां के सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रही उनकी प्रेमिका डॉ. शहाना पिछले साल दिसंबर में अपने कमरे में मृत पाई गई थीं.
शहाना की मौत के बाद खबरें सामने आईं कि रुवैस के परिवार ने भारी दहेज की मांग की थी और इसे सहन नहीं कर पाने के कारण उसने आत्महत्या कर ली। इसके बाद रुवैस को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में वह जमानत पाने में कामयाब रहे और याचिका दायर की कि उन्हें पढ़ाना फिर से शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए. एकल पीठ ने इसके लिए मंजूरी दे दी थी, लेकिन खंडपीठ ने इसे खारिज कर दिया था.
खंडपीठ ने हालांकि कहा कि रुवैस के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जल्दी खत्म की जाए और रिपोर्ट एकल पीठ के समक्ष रखी जाए. इस रिपोर्ट के आधार पर ही कोर्ट ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को याचिकाकर्ता को बहाल करने का निर्देश दिया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 21 मई को होनी तय कर दी.
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