सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया दुष्कर्म के दोषी को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश? पढ़ें

मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने पाया कि व्यक्ति को सुनाई गई सजा से अधिक अवधि तक जेल में रखा गया. याचिकाकर्ता को 10 साल तीन महीने और 16 दिनों तक कारावास में रखा गया था.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
याचिकाकर्ता को 10 साल तीन महीने और 16 दिनों तक कारावास में रखा गया था.
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि वह सजा की अवधि पूरी होने के बावजूद जेल में रखे जाने पर दुष्कर्म के एक दोषी को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा दे. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार ने रेखांकित किया कि याचिकाकर्ता युवा है और उसे लंबे समय तक तथा गैर कानूनी तरीके से मौलिक अधिकारों से वंचित रखा गया. इसके अलावा उसने अतिरिक्त अवैध हिरासत की वजह से मानसिक पीड़ा सही.

शीर्ष अदालत उस व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा-376 (दुष्कर्म) के तहत दोषी करार देने की निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की थी, लेकिन सजा 12 साल से घटाकर सात साल सश्रम कारावास कर दी थी.

ये भी पढ़ें- "शाहजहां ने ताजमहल बनाने से पहले....", विधानसभा में गोवा के मंत्री ने दिया अटपटा बयान, जानें पूरा मामला

मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने पाया कि व्यक्ति को सुनाई गई सजा से अधिक अवधि तक जेल में रखा गया. याचिकाकर्ता को 10 साल तीन महीने और 16 दिनों तक कारावास में रखा गया था.

VIDEO: सरकार वक्त रहते भी जाग नहीं पाई : बोले पूर्व राजनयिक सुरेश गोयल

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Nepal Political Crisis: नेपाल में आर्मी हेडक्वार्टर के पास हंगामा | Nepal Today News | Breaking
Topics mentioned in this article