केजरीवाल ने 2020 में बिना निविदा के पीपीई किट खरीदने की योजना बनाई: हिमंत बिस्वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में उनके समकक्ष ने वर्ष 2020 में निविदा आमंत्रित किये बिना चिकित्सकीय उपकरण खरीदने का प्रस्ताव दिया था.

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सरमा ने अपनी पत्नी का भी बचाव किया जो कथित पीपीई किट घोटाले के बीच आरोप झेल रही हैं.
गुवाहाटी:

पीपीई किट की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री के विरुद्ध आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराने की धमकी देने के एक दिन बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में उनके समकक्ष ने वर्ष 2020 में निविदा आमंत्रित किये बिना चिकित्सकीय उपकरण खरीदने का प्रस्ताव दिया था.

सरमा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक पुराना ट्वीट टैग किया जिसमें केजरीवाल ने भाजपा सांसद गौतम गंभीर से “तत्काल” कहीं से भी पीपीई किट की व्यवस्था करने का आग्रह किया था. गंभीर ने चिकित्सकीय उपकरण खरीदने के लिए अपनी सांसद निधि से एक करोड़ रुपये देने का वादा किया था जिसके बाद केजरीवाल ने उक्त ट्वीट किया.

सरमा ने ट्वीट किया, “दिल्ली के मुख्यमंत्री ने निविदा आमंत्रित किये बिना खुद ही कहीं से भी पीपीई किट खरीदने का आग्रह किया. क्यों?”

उन्होंने कहा, “क्या उनके उप मुख्यमंत्री को लगता है कि मुख्यमंत्री भ्रष्ट हैं क्योंकि उन्होंने कहीं से भी तत्काल पीपीई किट की व्यवस्था करने को कहा और कहा कि दिल्ली सरकार उन्हें खरीदेगी? किसी निविदा का कोई उल्लेख नहीं…, आप नेता संकट से निपटने की बजाय एक दूसरे का विरोध कर रहे थे. दिल्ली के लोग इसकी कीमत चुका रहे हैं.”

सरमा ने अपनी पत्नी रिनिकी भुइयां सरमा का भी बचाव किया जो कथित पीपीई किट घोटाले के बीच आरोप झेल रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि रिनिकी ने जो किया उसे “मानवीयता” कहा जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने 2020 में कोविड-19 से मुकाबले के दौरान “योगदान” देकर राज्य की मदद की थी.

अपनी पत्नी की कंपनी के बारे में सरमा ने कहा, “जिस कंपनी की बात की जा रही है उसने असम के एनएचएम को पत्र लिखकर कहा था कि कोविड योद्धाओं के लिए लगभग 1,500 पीपीई किट की आपूर्ति को सीएसआर योगदान के तौर पर लिया जाना चाहिए और इसलिए सरकार की ओर से एक भी रुपया नहीं दिया जाना चाहिए.”

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सरमा ने उत्पल बरुआ नामक एक व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर लिखा गया एक पत्र ट्विटर पर साझा किया. बरुआ, मुख्यमंत्री की पत्नी के स्वामित्व वाली कंपनी जेसीबी इंडस्ट्रीज में काम करते हैं. असम के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अभियान निदेशक को मार्च 2020 में लिखे गए पत्र में दावा किया गया था कि कंपनी ने एनएचएम को 1,485 पीपीई किट दान में दिए थे.

सरमा ने कहा, “असम एनएचएम ने इसे स्वीकार किया. मनीष भाई (मनीष सिसोदिया) यह भ्रष्टाचार नहीं है. यह मानवीयता है. मेरी पत्नी ने कोई अपराध नहीं किया, उन्होंने असम के सबसे बड़े संकट में राज्य की मदद की.” उन्होंने कहा, “किसी पर कीचड़ उछालना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आपको कानूनी कार्रवाई झेलनी पड़ेगी.”

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सिसोदिया ने शनिवार को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा था कि असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये में पीपीई किट खरीदे, जबकि सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक भागीदारों वाली की फर्मों को,990 रुपये प्रति पीस के हिसाब से तत्काल आपूर्ति के आदेश दिए. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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