केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण को लेकर काम 'कम' और प्रचार 'ज्यादा' किया: BJP

संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब है और कहीं ना कहीं दिल्ली की हवा में प्रदूषण के अलावा राजनीति भी है, तभी तो हवा में गंदगी है. कुछ न कुछ गड़बड़ है.

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BJP ने सरकार पर इस संकट से निपटने के लिए ‘‘लापरवाह’’ रवैया अपनाने का आरोप लगाया
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी ({Pollution in Delhi) में प्रदूषण की समस्या के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को आड़े हाथों लिया और आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने बायो डी-कम्पोजर को लेकर अपने प्रचार-प्रसार में इस रासायनिक घोल पर आने वाले खर्च से चार हजार गुना अधिक खर्च किया. ज्ञात हो कि बायो डी-कंपोजर के रासायनिक घोल के छिड़काव से पराली को गला दिया जाता है और इससे प्रदूषण भी नहीं फैलता.

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सूचना का अधिकार के तहत राज्य सरकार से मिले एक जवाब का हवाला देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने 40,000 रुपये में पूसा से बायो डी-कम्पोजर खरीदा और इससे राजधानी के 310 किसान लाभान्वित हुए. व्यंग्य करते हुए कहा कि इसके अलावा 35,780 रुपये गुड़ और बेसन पर खर्च हुए, जिसका इस्तेमाल रासायनिक घोल के साथ किया जाता है. साथ ही 13.20 लाख रुपये ट्रैक्टर के किराए पर और 9.64 लाख रुपये टेंट इत्यादि पर खर्च किए गए. केजरीवाल सरकार ने विज्ञापनों के जरिए देश भर के किसानों को पराली जलाने के खिलाफ जागरूक करने के लिए 15,80, 36,828 रुपये खर्च किया.

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उन्होंने कहा, ‘‘चार हजार गुणा अंतर है, काम और दिखावे के बीच में. काम क्या है? 40 हजार रुपये का काम किया और 16 करोड़ रुपये का विज्ञापन किया. काम छोटी सी डंडी यानी पराली जैसा और दिखाया है फसल जैसा...अरिवंद केजरीवाल जी यही हारवेस्ट कर रहे हैं. बुवाई 40, 000 रुपये और कटाई 16 करोड़ रुपये. यही इनकी राजनीति चल रही है.''

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भाजपा नेता ने कहा कि इन पैसों का बेहतर इस्तेमाल प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में किया जा सकता था. उन्होंने आरोप लगाया कि पराली के मुद्दे की ही तरह अरविंद केजरीवाल हर समस्या के लिए दूसरे राज्यों को दोषी ठहराते रहते हैं. पूरे हिंदुस्तान में सर्वाधिक प्रदूषण कहीं है तो वह दिल्ली में है और संसद से लेकर उच्चतम न्यायलय तक पराली को लेकर चर्चा हो रही है. दिल्ली में प्रदूषण के लिए केजरीवाल अक्सर पंजाब, हरियाणा और अन्य सटे हुए प्रदेशों को जिम्मेदार ठहराते हैं.
पात्रा ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘दिल्ली में जो प्रदूषण होता है उसके लिए केजरीवाल पंजाब और हरियाणा के किसानों को जिम्मेदार ठहराते हैं. लेकिन सवाल उठता है अगर पंजाब में पराली जलाने से पंजाब के किसान यदि दिल्ली को और हरियाणा में पराली जलाने से वहां के किसान दिल्ली को प्रदूषित कर रहे हैं तो सबसे ज्यादा प्रदूषण तो पंजाब और हरियाणा में ही होना चाहिए.''

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उन्होंने कहा कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब है और कहीं ना कहीं दिल्ली की हवा में प्रदूषण के अलावा राजनीति भी तो है, तभी तो हवा में गंदगी है. कुछ न कुछ गड़बड़ है. प्रदूषण को लेकर दूसरे पर आरोप मढ़ने के लिए केजरीवाल सरकार को उच्चतम न्यायलय से भी खरी-खरी सुननी पड़ी थी. दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने इस अवसर पर केजरीवाल को इस संकट से निपटने के लिए ‘‘लापरवाह'' रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने जो भी वादे किए थी, उनमे से अधिकांश पूरे नहीं हुए.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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