हर आपदा लोगों के बीच डर और कई बार तबाही का मंजर लेकर आती है. मुश्किल के इस वक्त में ऐसे शख्स भी सामने आते हैं जो अपने डर और घबराहट को काबू में करके कर्तव्य भावना का मिसाल पेश करते हैं. मंगलवार रात के भूकंप के झटकों ने दक्षिण एशिया के कई हिस्सों सहित पूरे उत्तर भारत में लोगों में खौफ पैदा किया. डर के मारे कई लोग अपने घर से बाहर निकल आए और खुले स्थानों पर पहुंच गए. भूकंप के कारण घरों के पंखे-झूमर जोर-जोर से हिल रहे थे. इस प्राकृतिक आपदा के बीच कश्मीर के एक अस्पताल के डॉक्टरों के ग्रुप ने C-section सर्जरी को अंजाम देकर बच्चे को सुरक्षित रखा.
अनंतनाग जिला प्रशासन ने ऑपरेशन रूम के भीतर का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. इसमें कई हेल्थवर्कर्स को भूकंप के झटके आने के दौरान ग्लब्ज पहने इस सर्जरी को अंजाम देते हुए दिखाया गया है. इस दौरान मेडिकल उपकरण, ओवरहेड लाइट्स, मॉनिटर और IV ड्रिप स्टेंड को हिलते हुए देखा जा सकता है.
एक डॉक्टर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "बेबी को ठीक रखना..." , जबकि वीडियो रिकॉर्ड करने वाला व्यक्ति प्रार्थना कर रहा है. इस दौरान बिजली कटौती के कारण ऑपरेशन थियेटर में अंधेरा छा जाता है और मॉनिटर से मंद रोशनी ही रह जाती है. यह स्थिति कुछ सेकंड के लिए ही रहती है और झटके भी कम हो जाते हैं. जैसे ही रोशनी वापस आती है, मेज पर तीन हेल्थवर्कर्स अपना काम जारी रखते हैं. इन हेल्थवर्कर्स में से एक मेज पर झुक जाता है और अपने सहयोगी से कहता है, "कोई बात नहीं। तुस्सी ठीक बिल्कुल! (कोई बात नहीं, तुम बिल्कुल ठीक हो!)". इस वीडियो को शेयर करते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने मुश्किल वक्त में शांतिपूर्वक अपने काम को अंजाम देने के लिए लिए अस्पताल के कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता जताई है.
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