कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) शनिवार को एप्पल एयरपॉड्स विनिर्माण इकाई को हैदराबाद से कर्नाटक स्थानांतरित करने के लिए फॉक्सकॉन चेयरमैन को कांग्रेस नेता द्वारा लिखे एक कथित पत्र को लेकर आपस में भिड़ गए. केसीआर ने आरोप लगाया कि डीके शिवकुमार ने हैदराबाद में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को अपने कारखाने कर्नाटक में स्थानांतरित करने के लिए लिखा है.
शिवकुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि जिस पत्र के आधार पर केसीआर ने आरोप लगाया था वह फर्जी था. उन्होंने फर्जी पत्र बनाने वाले के खिलाफ विधान सौधा पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज कराई.
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने आज कर्नाटक सरकार, विशेष रूप से उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर हैदराबाद के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया.
बीआरएस ने अपने "एक्स" हैंडल पर तेलुगु में कहा, "कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने हैदराबाद के खिलाफ बड़ी साजिश रची है. कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को हैदराबाद से कर्नाटक स्थानांतरित करने की बड़ी साजिश रची है."
साथ ही बीआरएस ने आरोप लगाया कि कई कंपनियों को बेंगलुरु आने के लिए प्रलोभन देने की पेशकश करते पत्र लिखे गए थे.
"एक्स" पर पोस्ट में कहा गया, "डीके शिवकुमार ने एप्पल एयरपॉड्स बनाने वाली फॉक्सकॉन कंपनी को हैदराबाद से 'बैंगलोर' स्थानांतरित करने के लिए कंपनी के सीईओ को एक पत्र लिखा था. कन्नड़ मीडिया ने वह पत्र जारी किया है."
पार्टी ने आरोप लगाया कि कन्नड़ और अंग्रेजी मीडिया ने खबर दी है कि कंपनियों को स्थानांतरित करने की साजिश असली है.
बीआरएस ने कहा, "उन्होंने चुनाव के लिए हैदराबाद को निशाना बनाया है. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार इंडस्ट्रीज को तेलंगाना से बेंगलुरु स्थानांतरित करने की साजिश रच रही है. आइए कांग्रेस की साजिशों को उलट दें. आइए अपनी केसीआर सरकार को वापस लाएं"
पार्टी ने होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड (फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप) के चेयरमैन यंग लियू को डीके शिवकुमार द्वारा लिखा कथित पत्र भी पोस्ट किया, जिसके ऊपर कर्नाटक सरकार की हरी मुहर लगी हुई थी.
यंग लियू को कर्नाटक में निवेश करने के लिए कहने के साथ ही पत्र में लिखा है, "हमारी सरकार की ओर से मैं प्रस्ताव करता हूं कि आप एप्पल एयरपॉड्स इंडस्ट्री को स्थानांतरित करने पर विचार करें, जिसे आप हैदराबाद से 'बैंगलोर' में स्थापित करने की योजना बना रहे हैं."
इसमें आगे कहा गया, "इस कदम से कई पारस्परिक लाभ होंगे. यह न केवल एप्पल फोन विनिर्माण उद्योग का पूरक होगा, बल्कि यह शहर की परिवहन सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और उपलब्ध कार्यबल का भी लाभ उठाएगा."
पत्र में कहा गया है कि हैदराबाद में कई अंतरराष्ट्रीय उद्योगों ने बेंगलुरु में स्थानांतरित होने में रुचि दिखाई है.
इसमें कहा गया है, "हम जल्द ही तेलंगाना में एक फ्रेंडली सरकार बनने की उम्मीद करते हैं, यह आश्वासन देते हुए कि आपको वहां कोई बाधा नहीं आएगी. इसलिए यह कदम उठाना आपके सहायक उद्योग के लिए भी पारस्परिक रूप से फायदेमंद होगा."
डीके शिवकुमार ने राव पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, "आज तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वह बहुत डरे हुए हैं. उन्होंने अपनी पार्टी की हार स्वीकार कर ली है."
उन्होंने कहा कि राव ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर एक फर्जी पत्र पोस्ट किया और उस पर टिप्पणी की है.
डीके शिवकुमार ने कहा, "यह एक फर्जी पत्र है. मेरे पत्र में अलग विशेषताएं हैं. मेरे पत्र में संख्याएं हैं. मेरा लेटरहेड हरे रंग में नहीं होता है. यह एक सामान्य विधायक का पत्र है, जिसे विधायक लगभग 15 साल पहले इस्तेमाल करते थे. अब कोई भी विधायक हरे रंग के लेटरहेड का उपयोग नहीं कर रहा है. मुझे यह पता है."
उनके मुताबिक, कर्नाटक विधानसभा में विधायक हरे रंग के लेटरहेड का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
बीआरएस की साजिश देखते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि ये बीआरएस के लोग इस स्तर तक क्यों गिर गए और मुख्यमंत्री इस पर टिप्पणी कर रहे हैं.'
डीके शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने सचिव को विधान सौधा पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज करने के लिए कहा है.
उन्होंने दावा किया, "किसी ने (हस्ताक्षर) का दुरुपयोग किया है. उन्होंने मेरा इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर ले लिया है और इसे उस (पत्र) पर लगा दिया है, जिसमें फॉक्सकॉन से स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है."
उन्होंने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन जांच जारी रहेगी. यह एक फर्जी पत्र था. हमने इस तरह का कोई पत्र जारी नहीं किया है."
डीके शिवकुमार के मुताबिक, "इस मजबूत सरकार को देखते हुए" कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने दम पर कर्नाटक में निवेश करने की इच्छा जताई है.
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि उनकी टोयोटा के अधिकारियों के साथ बैठक हुई जो बेंगलुरु में अपना कारोबार बढ़ाना चाहते थे.
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