जम्मू में कश्मीर टाइम्स के ऑफिस पर छापा, एके-47 के कारतूस बरामद: पुलिस

कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन के खिलाफ कथित तौर पर असंतोष फैलाने, अलगाववाद का महिमामंडन करने और भारत तथा केंद्र शासित प्रदेश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाने के आरोप में एक एफआईआर दर्ज की गई है.  

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर टाइम्स के कार्यालय पर देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में छापा मारा है.
  • छापे के दौरान एके-47 के कारतूस, पिस्तौल की गोलियां और तीन ग्रेनेड लीवर बरामद किए गए हैं.
  • कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन के खिलाफ असंतोष फैलाने और अलगाववाद के समर्थन का मामला दर्ज किया गया.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्‍टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने गुरुवार को देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में जम्मू स्थित कश्मीर टाइम्स के कार्यालय पर छापा मारा है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस दौरान एके-47 के  कारतूस, पिस्तौल की गोलियां और तीन ग्रेनेड लीवर बरामद किए गए हैं.  कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन के खिलाफ कथित तौर पर असंतोष फैलाने, अलगाववाद का महिमामंडन करने और भारत तथा केंद्र शासित प्रदेश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पहुंचाने के आरोप में एक एफआईआर दर्ज की गई है.  

सूत्रों ने बताया, "जांच का उद्देश्य उनके कथित संबंधों और उन गतिविधियों की जांच करना है जो भारत की संप्रभुता के लिए खतरा हैं. यह कार्रवाई कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क पर चल रही कार्रवाई को रेखांकित करती है. स्‍टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने जोर देकर कहा है कि देशद्रोही या अलगाववादी विचारधाराओं के प्रचार के लिए इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए."

J&K के सबसे पुराने अखबारों में कश्‍मीर टाइम्‍स 

कश्मीर टाइम्स जम्मू-कश्मीर के सबसे पुराने और प्रमुख समाचार पत्रों में से एक है. इसकी स्थापना वेद भसीन ने की थी और 1954 में इसे साप्ताहिक समाचार पत्र के रूप में प्रकाशित किया गया था, जिसे 1964 में दैनिक में परिवर्तित कर दिया गया था. 

उधर, कश्मीर टाइम्स प्रबंधन ने अपने जम्मू कार्यालय पर कथित छापेमारी की तीखी आलोचना की और राज्य विरोधी गतिविधियों के आरोपों को स्वतंत्र मीडिया संस्थान को दबाने का प्रयास बताया. 

सोशल मीडिया पर जारी एक संयुक्त बयान में संपादक प्रबोध जामवाल और अनुराधा भसीन ने कहा, "जम्मू स्थित हमारे कार्यालय पर कथित छापेमारी, राज्य विरोधी गतिविधियों के निराधार आरोप और कश्मीर टाइम्स पर समन्वित कार्रवाई हमें चुप कराने का एक और प्रयास है." उन्होंने कहा, "सरकार की आलोचना करना राज्य के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने के समान नहीं है. वास्तव में यह बिल्कुल विपरीत है. एक मजबूत और प्रश्न पूछने वाली प्रेस एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है. सत्ता को जवाबदेह ठहराने, भ्रष्टाचार की जांच करने और हाशिए पर पड़ी आवाजों को बुलंद करने का हमारा काम हमारे राष्ट्र को मजबूत बनाता है. यह इसे कमजोर नहीं करता है"

J&K में लगातार छापेमारी कर रही एजेंसियां 

जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग और स्‍टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी 10 नवंबर से केंद्र शासित प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है, जब एक स्थानीय डॉक्टर उमर नबी ने दिल्ली में लाल किले के पास एक कार में विस्फोट किया था, जिसमें 13 निर्दोष नागरिक मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे. विस्फोट में मारा गया आतंकवादी डॉ. उमर नबी, गिरफ्तारी से बच निकला था, जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद इलाके में एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Alfalah University पर Delhi Police का शिकंजा, Javed Siddiquie के Indore वाले घर पर चलेगा बुलडोजर?
Topics mentioned in this article