कर्नाटक के स्कूली पाठ्यक्रम में मनुस्मृति को शामिल करने का प्रस्ताव, कांग्रेस बोली- ये शिक्षा का भगवाकरण

कर्नाटक (Karnataka) में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तय करने के लिए बनी टास्क फोर्स ने मनुस्मृति (Manusmriti) को पढ़ाने की अनुशंसा की है. गुरुत्वाकर्षण और पाइथागोरस के सिद्धांतों पर सवार उठाए हैं.

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कर्नाटक में बनी टास्क फोर्स ने मनुस्मृति को पाठ्यक्रम में शामिल करने को कहा है.
नई दिल्ली:

नई शिक्षा नीति (New education policy) के अनुरूप पाठ्यक्रम तय करने के लिए कर्नाटक (Karnataka) में बनी टास्क फोर्स ने मनुस्मृति (Manusmriti) को पाठ्यक्रम में शामिल करने की अनुशंसा की है. साथ ही गणित से जुड़ी देशी पद्धति को बढ़ावा देने वकालत भी की है. इसके पीछे तर्क दिया है कि गुरुत्वाकर्षण और पाइथागोरस की जड़ें वैदिक गणित में हैं. इस पर कांग्रेस ने कहा कि ये शिक्षा के भगवाकरण की ताजा कोशिश है.कर्नाटक में शिक्षा के भगवाकरण का मामला एक बार फिर गरमा गया है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्यक्रम तय करने के लिए कर्नाटक में बनी टास्क फोर्स ने मनुस्मृति को सिलेबस में शामिल करने की अनुशंसा की है. 

टास्क फोर्स  का कहना है कि आमतौर पर लोग मनुस्मृति का एक श्लोक किसी एक चैप्टर से पढ़ते हैं, दूसरा किसी और चैप्टर से. इसके बाद सवाल उठाने शुरू कर देते हैं, जो ठीक नहीं है. मनुस्मृति पर सभी लोग सवाल उठा सकते हैं उनका हक है, लेकिन इसके पहले उनके इसे पढ़ना होगा इसके बाद सवाल उठाना सही होगा. टास्क फोर्स ने कहा कि इसमें जो ठीक है उनका गृहण करना चाहिए और जो ठीक नहीं है उसको छोड़ देना चाहिए वेवजह विवाद खड़ा करने से कोई फायदा नहीं है.टास्क फोर्स ने मनुस्मृति की वकालत करते हुए न्यूटन और पाइथागोरस के सिद्धांतों पर सवाल उठाए हैं और देश की प्राचीन अंक प्रणाली, जैसे कि भूतसांख्य और कटापयदि-सांख्य पद्धति को पाठ्यक्रम में  शामिल करने पर जोर दिया है.

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