बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस उन लोगों को 50 प्रतिशत डिस्काउंट दे रही है जिनका चालान हुआ है लेकिन उन्होंने अब तक राशि जमा नहीं की है. हालांकि यह डिस्काउंट सिर्फ 11 फरवरी तक है.
दस हज़ार रुपये का चालान अरबाज खान नहीं दे पा रहे थे. दफ्तर समय पर पहुंचने की कोशिश में उन्होंने कई बार सिग्नल जम्प किया था. सिग्नल जम्प का चालान 10 हज़ार रुपये उन पर बाक़ी था. 50 परसेंट डिस्काउंट के साथ चालान देने के बाद अरबाज़ की प्रतिक्रिया थी, "मुझे सिर्फ 5250 रुपये देने पड़े, अब आगे से मैं ट्रैफिक सिग्नल नही तोडूंगा."
बेंगलुरु शहर के विशेष ट्रैफिक आयुक्त एम सलीम ने बताया कि "लगभग 500 करोड़ रुपये का चालान लंबे समय से पेंडिंग है, यानी तक़रीबन 200 करोड़ नोटिस का चालान वसूला जाना है. इसलिए हमने लोगों से चालान जमा करवाने के मकसद से ये कदम उठाया है."
मामला चालान तक ही सीमित नहीं है.पहले जहां ट्रैफिक नियम का उलंघन करने पर 24 घंटे में एक बार चालान होता था वहीं अब जितनी बार पकड़े जाएंगे उतनी बार चालान कटेगा, चाहे उल्लंघन कैमरे ने पकड़ा हो या ट्रैफिक पुलिस ने. यानी अगर आप 3 किलोमीटर बगैर हेलमेट जा रहे हो और 3 बार पकड़े गए तो हर बार 500 रुपये का जुर्माना यानी 1500 रुपये देने होंगे.
इसके साथ-साथ अब जल्द ही ट्रैफिक पुलिस कर्नाटक में गाड़ियों का इंश्योरेंस भी चेक करेगी. अब तक यह अधिकार परिवहन विभाग के पास है.
और तो और 250 ANPR कैमरा यानी ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्नीशन कैमरा शहर में चुने हुए स्थानों पर लगाए गए हैं जो आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की बुनियाद पर सात तरह के ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन आटोमेटिक रिकॉर्ड करते हैं .शहर में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत 8 दिसंबर 2022 से बेंगलुरु में शुरू की गई थी.
इन मामलों में चालान -
1.जेब्रा लाइन पार करना
2.सीट बेल्ट नहीं लगाना
3.ट्रैफिक सिग्नल को तोड़ना
4.ट्रिपल राइडिंग
5.बगैर हेलमेट या हाफ हेलमेट पहने दो पहिया वाहन चलाना
6.ओवर स्पीडिंग
7.फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाना
कैमरों की वजह से सिर्फ जनवरी महीने में ही 5 लाख 44 हजार 156 चालान जनरेट किए गए हैं. इसमें 2 लाख 48 हज़ार सिर्फ बगैर हेलमेट वाले चालान हैं जबकि दूसरे नम्बर पर सिग्नल जम्प के मामले हैं जो कि एक लाख 10 हज़ार के आसपास हैं.
सीट बेल्ट अगर आपने नहीं पहना है तो वो भी कैमरे दर्ज कर लेते हैं. सिर्फ जनवरी महीने में ही 74 हज़ार 623 चालान उन ड्राइवरों के हुए जिन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाए थे.