अजब-गजब केस: कर्नाटक धर्मस्थल में सामूहिक शव दफनाने के मामले में एक और यू-टर्न

यह विवाद पिछले महीने तब शुरू हुआ जब एक व्यक्ति ने गांव में शवों को सामूहिक रूप से दफ़नाने का एक विस्फोटक दावा किया. सीएन चिन्नय्या उर्फ़ चेन्ना ने पुलिस से संपर्क करके कहा था कि उसे सैकड़ों शवों को दफ़नाने के लिए मजबूर किया गया.

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  • कर्नाटक की सुजाता भट्ट ने दावा किया कि उनकी बेटी धर्मस्थल गांव में लापता हुई थी लेकिन बाद में मना कर दिया.
  • एमबीबीएस छात्रा अनन्या भट्ट के अस्तित्व पर महिला ने विरोधाभासी बयान देकर यूट्यूबर पर दबाव का आरोप लगाया.
  • धर्मस्थल में सामूहिक दफनाने के विवाद में गवाह को ही झूठे दावे और झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
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बेंगलुरु:

कर्नाटक की एक बुज़ुर्ग महिला सुजाता भट्ट ने दावा किया था कि उनकी बेटी दक्षिण कन्नड़ ज़िले के एक छोटे से गांव धर्मस्थल में लापता हो गई थी, जो सामूहिक दफ़नाने के विवाद का केंद्र रहा है. कुछ हफ़्ते बाद, उन्होंने अपनी बात से पलटते हुए एक यूट्यूबर को बताया कि उनकी बेटी ही नहीं है. एमबीबीएस छात्रा अनन्या भट्ट कभी अस्तित्व में ही नहीं थी. अब, एक और यू-टर्न लेते हुए, उन्होंने एनडीटीवी को बताया है कि यूट्यूबर ने उन्हें यह झूठा दावा करने के लिए मजबूर किया था.

अजीब है ये केस

जब महिला से पूछा गया कि उन्होंने पहले बेटी होने से इनकार क्यों किया था, तो उन्होंने कहा,"यह सच है, मेरी एक बेटी है. यूट्यूब चैनल ने मुझे ज़बरदस्ती यह (झूठा दावा) कहलवाया." इस मामले में इस तरह का ये पहला मामला नहीं है. धर्मस्थल पर "सामूहिक दफ़नाने" के मामले में एक के बाद एक आरोप लग रहे हैं. इस मामले को उजागर करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद, सुबह से यह इस मामले में दूसरा उलटफेर है.

यह विवाद पिछले महीने तब शुरू हुआ जब एक व्यक्ति ने गांव में शवों को सामूहिक रूप से दफ़नाने का एक विस्फोटक दावा किया. सीएन चिन्नय्या उर्फ़ चेन्ना ने पुलिस से संपर्क करके कहा था कि उसे सैकड़ों शवों को दफ़नाने के लिए मजबूर किया गया, जिनमें यौन उत्पीड़न की शिकार युवतियां भी शामिल थीं. उसने यह भी कहा कि अगर उसे सुरक्षा दी जाए तो वह गवाह बनने को तैयार है.

कौन बना था गवाह

पहले उसे एक 'नकाबपोश व्यक्ति' के रूप में जाना जाता था, जो सार्वजनिक रूप से सिर्फ़ नकाब पहनकर ही दिखाई देता था. उसकी पहचान आज ही उजागर हुई, जब उसे पूछताछ के दौरान झूठे और मनगढ़ंत दावों के आधार पर गिरफ़्तार किया गया.चेन्ना ने पहले मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था, लेकिन विशेष जांच दल (एसआईटी) को उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ. अपनी जांच के आधार पर उससे की गई जिरह के दौरान, एसआईटी ने पाया कि वह झूठ बोल रहा था. फिर उन्होंने उसकी गवाह सुरक्षा हटा ली और उसे झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

राजनीति भी गरमाई

उसके चौंकाने वाले इकबालिया बयान के बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया था. भाजपा ने राज्य के मंदिरों के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाने और राज्य सरकार पर मंदिरों के शहर को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था, लेकिन पार्टी का मानना ​​है कि सुजाता भट्ट और चेन्ना जैसे लोग तो बस आगे के खिलाड़ी हैं, जिन्हें पीछे से कोई और नियंत्रित कर रहा है. एनडीटीवी से बात करते हुए, कर्नाटक भाजपा प्रमुख ने "हिंदुत्व-विरोधी" साजिश का पर्दाफाश करने की तत्काल आवश्यकता जताई, जबकि पार्टी विधायक भरत शेट्टी ने धर्मस्थल में शव मिलने जैसे झूठे दावों को बढ़ावा देने के पीछे भारी धन खर्च का आरोप लगाया. हालांकि, सरकार ने भाजपा पर इस मुद्दे से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि धर्मस्थल परिवार ने खुद मुख्यमंत्री से मुलाकात की और कहा कि हम अच्छा काम कर रहे हैं.

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