कर्नाटक: सोशल मीडिया पर भिड़ने वाली IAS रोहिणी और IPS रूपा का हुआ तबादला

इस मामले पर कर्नाटक के गृह मंत्री की ओर से भी बयान आया था. उन्होंने कहा था कि इस विवाद पर पुलिस प्रमुख से चर्चा की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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राज्य के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने कल ही इन्हें कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी.
बेंगलुरु:

आईपीएस डी रूपा मौदगिल और आईएएस रोहिणी सिंदूरी का बिना पोस्टिंग के तबादला कर दिया गया है. दोनों वरिष्ठ महिला अधिकारियों ने एक दूसरे पर सार्वजनिक रूप टिप्पणी की थी. साथ ही दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ राज्य के शीर्ष नौकरशाह, मुख्य सचिव से शिकायत की थी. वहीं अब इनके खिलाफ ये एक्शन लिया गया है. राज्य के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने कल ही इनके आचरण पर नाराजगी जताई थी और सिविल सेवा संबंधी नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी.

डी रूपा के पति मुनीश मौदगिल, जो एक आईएएस अधिकारी हैं, उन्हें प्रचार विभाग के प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल डी रूपा ने अपने फेसबुक पेज पर तस्वीरें पोस्ट कर आरोप लगाया था कि सिंधुरी ने 2021 और 2022 में तीन आईएएस अधिकारियों के साथ तस्वीरों को साझा किया था. डी रूपा ने सिंधुरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की एक लंबी सूची भी जारी की थी और दावा किया था कि उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और मुख्य सचिव वंदिता शर्मा से भी शिकायत की थी. जिसके बाद रविवार को सिंधुरी ने एक बयान जारी कर कहा था कि डी रूपा उनके खिलाफ "झूठा, व्यक्तिगत निंदा अभियान" चला रही हैं और कार्रवाई की धमकी दे रही हैं.

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सिंधुरी ने कहा था, "उसने मुझे बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया से तस्वीरें  (मेरी) और व्हाट्सएप स्टेटस के स्क्रीनशॉट एकत्र किए. जैसा कि उसने आरोप लगाया है कि मैंने ये तस्वीरें कुछ अधिकारियों को भेजी हैं, मैं उनसे उनके नामों का खुलासा करने का आग्रह करती हूं." 

सिंधुरी ने डी रूपा मौदगिल पर हमला करता हुआ कहा था कि 'मानसिक बीमारी एक बहुत बड़ी समस्या है, दवा और परामर्श की आवश्यकता है. जब ये बीमारी जिम्मेदार पदों पर लोगों को प्रभावित करती है, तो यह और भी खतरनाक हो जाता है. आईपीएस रूपा मेरे खिलाफ झूठे, व्यक्तिगत बदनामी अभियान चला रही है.

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इस मामले पर कर्नाटक के गृह मंत्री की ओर से भी बयान आया था. उन्होंने कहा था कि इस विवाद पर पुलिस प्रमुख से चर्चा की है और मुख्यमंत्री भी इससे अवगत हैं. हम चुप नहीं बैठे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वे दोनों इतना बुरा बर्ताव कर रहे हैं - सामान्य लोग भी सड़कों पर इस तरह बात नहीं करते हैं. उन्हें अपने व्यक्तिगत मुद्दों पर जो कुछ भी करना है करने दें, लेकिन मीडिया के सामने आना और इस तरह का व्यवहार करना सही नहीं है.

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