कर्नाटक के पूर्व CM एसएम कृष्णा का 92 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी और मल्लिकार्जुन खरगे ने दी श्रद्धांजलि

एसएम कृष्णा का जन्म 1 मई 1932 को हुआ था. वो कर्नाटक के अबतक के सबसे शिक्षित मुख्यमंत्रियों में से एक थे. उन्होंने मैसूर के महाराजा कॉलेज से ग्रेजुएशन की थी और उसके बाद गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की डिग्री प्राप्त की थी.

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नई दिल्ली:

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एसएम कृष्णा का निधन हो गया है. अपने आवास पर उन्होंने सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली थी. एसएम कृष्णा का जन्म 1 मई 1932 को हुआ था. वो कर्नाटक के अबतक के सबसे शिक्षित मुख्यमंत्रियों में से एक थे. उन्होंने मैसूर के महाराजा कॉलेज से ग्रेजुएशन की थी और उसके बाद गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की डिग्री प्राप्त की थी. इसके अलावा, उन्होंने दक्षिणी मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय, डलास, यू.एस.ए. और बाद में जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में भी अध्ययन किया था.

पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए लिखा, 'एसएम कृष्णा जी एक असाधारण नेता थे, जिनकी प्रशंसा हर वर्ग के लोग करते थे. उन्होंने हमेशा दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किया. उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के लिए याद किया जाता है, खासकर बुनियादी ढांचे के विकास पर उनके ध्यान के लिए. एसएम कृष्णा जी एक विपुल पाठक और विचारक भी थे.'

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वहीं मल्लिकार्जुन खरगे ने भी एसएम कृष्ण को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा, 'कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा के निधन से अत्यंत दुःख हुआ. वे विकास के सच्चे प्रणेता थे, उन्होंने राज्य और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया.'

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भारत वापस आने के बाद एसएम कृष्णा ने बेंगलुरु के रेणुकाचार्य लॉ कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर के रूप में भी काम किया था. एसएम कृष्ण 1962 में कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए थे. इसके बाद 1968 में उन्होंने संसद में अपनी शुरुआत की थी और वह चौथी लोकसभा के सदस्य बने थे. वो पांचवी लोकसभा के लिए भी चुने गए थे लेकिन 1972 में उन्होंने राज्य की राजनीति में वापसी जाना पसंद किया. इसके बाद वह विधान परिषद के लिए चुने गए और वाणिज्य, उद्योग और संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में शामिल हुए. उन्होंने 1972 से 1977 तक यह पद संभाला था. 1980 में वह एक बार फिर लोकसभा में वापस आए और 1983-84 के दौरान उन्हें उद्योग राज्य मंत्री और 1984-85 के दौरान उन्हें वित्त राज्य मंत्री बनाया गया था. 

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वे 1989 में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष बने थे. इस पद पर वे 1992 तक रहे. वह 1992 में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री बने. 1996 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए, और अक्टूबर 1999 तक इसके सदस्य रहे. वे अक्टूबर 1999 से मई 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे. कृष्णा ने 6 दिसंबर 2004 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली.

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