दूध ब्रांड अमूल को लेकर कर्नाटक में घमासान मचा हुआ है. विपक्षी दलों की तरफ से सत्ताधारी दल बीजेपी पर लगातार हमले हो रहे हैं. विपक्षी दलों ने बीजेपी पर गुजरात के दूध ब्रांड अमूल को कर्नाटक के ब्रांड नंदिनी की तुलना में प्रमोट करने का आरोप लगाया.इस बीच कांग्रेस कर्नाटक प्रमुख डीके शिवकुमार ने सोमवार को हासन में एक नंदिनी मिल्क पार्लर का दौरा किया. उन्होंने कहा कि नंदिनी ब्रांड, अमूल की तुलना में बेहतर है. शिवकुमार ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि हमारे पास पहले से ही नंदिनी है जो अमूल से बेहतर ब्रांड है... हमें किसी अमूल की जरूरत नहीं है... हमारा पानी, हमारा दूध और हमारी मिट्टी मजबूत है."
शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक में, यह हमारे किसानों के अधिकारों का सवाल है. 70 लाख से अधिक किसान दूध का उत्पादन करते हैं और इसे नंदिनी को देते हैं. गुजरात का अमूल भी किसानों द्वारा है. लेकिन अमूल को आगे और नंदिनी को पीछे धकेलना सही नहीं है. उनकी (भाजपा) सरकार ने किसानों को कोई मदद नहीं दी. हमें अपने उत्पाद और अपने किसानों को बचाने की जरूरत है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने "सभी डेयरी उत्पादों की कीमतें बढ़ा दी हैं और उन्होंने किसानों की कोई मदद नहीं की है. बीच में, हम उस स्थिति में हैं जहां हम दूध नहीं बेच सकते हैं." इस बीच, पुलिस ने बेंगलुरु में कर्नाटक रक्षण वेदिके के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, जिन्होंने राज्य में अमूल के प्रवेश का विरोध किया था.
इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने बेंगलुरू के बाजार में दूध और दही बेचने की अमूल की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला जारी रखते हुए रविवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि क्या उनकी कर्नाटक यात्रा का उद्देश्य “राज्य को लूटना” है. सिद्धरमैया ने आरोप लगाया था कि जब से केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक दुग्ध संघ (केएमएफ) के अमूल के साथ विलय की बात कही है तब से राज्य का दूध उत्पादन प्रभावित हुआ है.कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री से पूछा कि इसमें उनकी क्या भूमिका है.
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