कर्नाटक कांग्रेस को चौथी राज्यसभा सीट के लिए 'हॉर्स-ट्रेडिंग' का डर, पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

कर्नाटक की चार राज्‍यसभा सीटों पर विवाद (जो 2 अप्रैल को खाली हो रही हैं) तब शुरू हुआ, जब जनता दल (सेक्युलर) के कुपेंद्र रेड्डी, जो कि भाजपा के साथ गठबंधन में हैं, उनको मैदान में उतारा गया.

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बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है....
नई दिल्‍ली:

कर्नाटक में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य की चार राज्यसभा सीटों के लिए अगले सप्ताह होने वाले चुनाव से पहले विधायकों को 'खरीदने' की कथित कोशिश करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पिछले साल के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने वाली कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दो निर्दलीय विधायकों और स्थानीय पार्टियों के दो अन्य विधायकों को कई करोड़ रुपये की पेशकश की गई है. सत्तारूढ़ दल ने दावा किया है कि दो निर्दलीय और अन्य दो में से कम से कम एक उसके उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए तैयार थे. बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है.

कर्नाटक की चार राज्‍यसभा सीटों पर विवाद (जो 2 अप्रैल को खाली हो रही हैं) तब शुरू हुआ, जब जनता दल (सेक्युलर) के कुपेंद्र रेड्डी, जो कि भाजपा के साथ गठबंधन में हैं, उनको मैदान में उतारा गया. वर्तमान में कांग्रेस के पास चार में से तीन सीटें हैं और उसने सैयद नसीर हुसैन को बरकरार रखने का फैसला किया है. वहीं, दलित लेखक एल हनुमंथैया की सीट पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को दी है. इस बीच, भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर की सीट नारायण भांडगे को दे दी है.

विवाद चौथी सीट को लेकर है, जो फिलहाल कांग्रेस के जीसी चंद्रशेखर के पास है. यह सीट बिना किसी समस्या के कांग्रेस के पास बरकरार रखने की उम्मीद थी, क्योंकि उसे लगा कि उसके पास पर्याप्त संख्या है. कर्नाटक में किसी भी पार्टी को अपने एक नेता को राज्यसभा भेजने के लिए 46 विधायकों की जरूरत होती है. कांग्रेस के पास विधानसभा में 135 विधायक हैं और वह दो स्वतंत्र विधायकों और एक तिहाई (सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनैया) के समर्थन का दावा करती है, जो उसे इस समय खाली होने वाली अपनी तीन सीटों को बरकरार रखने के लिए पर्याप्त है.

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अगर उन तीनों ने कांग्रेस का समर्थन नहीं किया, तो वह बीजेपी-जेडीएस के हाथों सीट खो सकती है, जिसके पास संयुक्त रूप से 85 विधायक हैं. चौथी सीट निर्विरोध जीतने के लिए दोनों के पास अपने आप में पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन पक्षपातपूर्ण मतदान प्रणाली की बदौलत वे सीट छीन सकते हैं.

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कांग्रेस की शिकायत है कि बीजेपी-जेडीएस द्वारा पांचवां उम्मीदवार उतारना इस बात का संकेत है कि वह खरीद-फरोख्त में शामिल होगी. "एनडीए ने खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने के लिए पांचवें उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. हमने (बेंगलुरु पुलिस आयुक्त के पास) शिकायत दर्ज की है और कहा है कि अधिक जानकारी प्रदान की जाएगी."

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