कर्नाटक कांग्रेस महासचिव कविता रेड्डी ने अपनी पार्टी को घेरते हुए कई सवाल खड़े किए हैं. सोमवार को कविता रेड्डी ने एक पोस्ट लिखते हुए विधान परिषद चुनावों में उम्मीदवारों का चयन करते समय महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा नहीं देने का आरोप पार्टी पर लगाया है और कहा है कि आखिर 50 फीसदी आबादी की अनदेखी क्यों हो रही है. रेड्डी ने साथ ही कहा कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व में लैंगिक न्याय (Gender Justice) के बिना सामाजिक न्याय अप्रासंगिक अधूरा है.
मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट में, रेड्डी ने लिखा कि "एमएलए / एमपी टिकट पाने वाले सभी पुरुष नहीं जीतेंगे, इसलिए जीत का सवाल केवल महिलाओं के लिए है? सभी संसाधनों वाले पुरुष भी चुनाव हार गए हैं, लेकिन संसाधनों पर सवाल केवल महिलाओं के लिए है? लैंगिक न्याय के बिना सामाजिक न्याय अप्रासंगिक/अधूरा है!" पोस्ट में आगे लिखा कि "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 50 प्रतिशत आबादी की अनदेखी क्यों कर रही है? क्या हमारी विधानसभा, परिषद या संसद में महिलाओं का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है? क्या यह महिलाओं के लिए कोई प्रवेश नहीं है?"
राज्य विधान परिषद के चुनाव तीन जून को होने वाले हैं. सात सदस्यों का कार्यकाल 14 जून को समाप्त हो रहा है. वहीं बीजेपी ने विधान परिषद चुनाव के लिए चार उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. वहीं बीजेपी ने विधान परिषद चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर ही है. बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ने के लिए वरिष्ठ नेताओं लक्ष्मण सावदी, एस केशव प्रसाद, हेमलता नायक और चलवाडी नारायणस्वामी को टिकट दिया गया है.
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