कर्नाटक में गरमाई सीएम कुर्सी की जंग, डीके शिवकुमार ने सोनिया गांधी का दिया हवाला, 'त्याग' की याद दिलाई

डीके शिवकुमार का यह बयान तब आया है, जब कर्नाटक में CM पद के लिए कथित तौर पर हुए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को लेकर तनाव चल रहा है.

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कर्नाटक में मुख्यमंत्री (CM) पद को लेकर कांग्रेस के दो बड़े नेताओं—सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार (DK Shivakumar)—के बीच जारी खींचतान फिर तेज़ हो गई है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एक सरकारी कार्यक्रम में सोनिया गांधी के 'त्याग' का ज़िक्र करके सिद्धारमैया को एक बड़ा और अप्रत्यक्ष संदेश दिया है.

सोनिया गांधी के त्याग की दिलाई याद

डीके शिवकुमार ने सार्वजनिक मंच से 2004 की घटना का ज़िक्र किया, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन (UPA) ने लोकसभा चुनाव जीता था. उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी 20 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं. उन्होंने सत्ता का त्याग भी किया." उन्होंने याद दिलाया कि तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और देश के विकास के लिए मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में चुना.

हालांकि, शिवकुमार ने अपने भाषण में यह भी कहा कि राज्य के लोगों को "हमेशा सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के साथ रहना चाहिए."

क्या 2.5 साल के समझौते का हो रहा उल्लंघन?

डीके शिवकुमार का यह बयान तब आया है, जब कर्नाटक में CM पद के लिए कथित तौर पर हुए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को लेकर तनाव चल रहा है. 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं के बीच CM पद को लेकर खींचतान हुई थी. उस समय, डीके शिवकुमार के समर्थक विधायकों का कहना था कि दोनों नेताओं के बीच यह समझौता हुआ था कि दोनों बारी-बारी से ढाई-ढाई साल के लिए CM बनेंगे. अब, जब कथित समझौते की आधी अवधि पूरी हो चुकी है, तब सिद्धारमैया के पद छोड़ने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है.

डीके शिवकुमार और उनके समर्थक लगातार कांग्रेस आलाकमान को यह समझौता याद दिला रहे हैं. इससे पहले, डीके शिवकुमार ने 'वचन की शक्ति' (Word Power) को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति बताकर भी सिद्धारमैया पर तंज कसा था.

आलाकमान की चुप्पी और बीजेपी के आरोप

सिद्धारमैया पर दबाव बढ़ता जा रहा है, हालाँकि उन्होंने अभी तक पद छोड़ने का कोई संकेत नहीं दिया है. सिद्धारमैया ने इस खींचतान पर कंफ्यूजन की बात तो मानी है, लेकिन उन्होंने आलाकमान से इसे जल्द खत्म करने को कहा है. वहीं, कांग्रेस आलाकमान (मल्लिकार्जुन खड़गे) ने बुधवार को कहा था कि सोनिया, राहुल गांधी और वह खुद इस मसले को सुलझा लेंगे.

सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि, खड़गे ने राहुल गांधी को चेतावनी दी है कि यह विवाद कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र (8 दिसंबर) से पहले सुलझ जाना चाहिए, ताकि सदन में पार्टी को नुकसान न उठाना पड़े. इस बीच, बीजेपी इस विवाद को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है और इसे 'खंडित पार्टी' बता रही है.

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