कर्नाटक में मुफ्त बस सेवा की शुरुआत क्या हुई महिलाएं एक-एक करके धार्मिक और पर्यटन स्थलों की सैर पर निकल पड़ी. पिछले 15 दिनों में ही साढ़े आठ करोड़ महिलाओं ने मुफ्त बस सेवा का लुत्फ उठाया. इसका भाड़ा लगभग 200 करोड़ रुपये
है.
राज्य परिवहन की बसों में भीड़ बेकाबू है. रोज सीट पर बैठने को लेकर महिलाओं के बीच झड़प हो जाती है. सीट घेरने के लिए बात धक्का-मुक्की तक आ जाती है. महिलाएं कहती हैं कि फ्री बस सेवा से तो पैसों की बचत होती है. आराम है, लेकिन सीट को लेकर खूब मारामारी करनी पड़ती है.
सरकार की शक्ति योजना के तहत पूरे राज्य में महिलाओं के लिए बस यात्रा मुफ्त है. 11 जून से इसकी शुरुआत हुई. तब से 26 जून तक 8 करोड़ 25 लाख महिलाओं और छात्राओं ने मुफ्त बस यात्रा की. यानी जीरो वैल्यू टिकट पर यात्राएं हुई हैं. सरकार अब इसका लगभग 200 करोड़ रुपये का पेमेंट सरकार परिवहन निगम को करेगी. सालाना इस योजना पर 4000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
राज्य के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, "धार्मिक स्थानों की ओर जाने वाली बसों में ज्यादा भीड़ देखी जा रही है. हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे."
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