बहुचर्चित कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या (302) के तहत केस दर्ज किया है. कानूनी सलाह लेने के बाद आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा के तहत यह केस दर्ज किया गया है. बता दें, गृह मंत्रालय ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज करने के लिए कहा था.गौरतलब है कि 31 दिसंबर की रात हुए कंझावला मामले में नया खुलासा हुआ है. सूत्रों की मानें तो हादसे के समय कार में सवार सभी आरोपी नशे में धुत थे. पिछले सप्ताह शुक्रवार को एफएसएल रोहिणी ने दिल्ली पुलिस को आरोपियों की ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट सौंपी है. ब्लड टेस्ट से पता चला है कि कि सभी आरोपियों ने शराब पी हुई थी. मालूम हो कि घटना के वक्त कार में चार शख्स थे, जिन्होंने युवती के स्कूटी को पहले टक्कर मारी और फिर उसे कई KM तक घसीटते रहे थे. इस हादसे में युवती की मौत हो गई थी. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिसमें से दो आरोपियों अंकुश खन्ना और आशुतोष को कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है.
दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह, इस मामले में अपने 11 कर्मियों को निलंबित कर दिया था. अधिकारियों ने बताया कि जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, वे घटना के समय रास्ते में पीसीआर और चौकियों में ड्यूटी पर थे. गृह मंत्रालय ने इस मामले में गुरुवार को दिल्ली पुलिस को तीन पीसीआर वैन और दो चौकियों में ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मियों को निलंबित करने का निर्देश दिया था.गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को मामले में जल्द से जल्द आरोपपत्र दायर करने का निर्देश दिया है ताकि दोषियों को सजा मिल सके.
गौरतलब है कि कंझावला मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृत लड़की के शरीर पर 40 इंजरी थी. इसमें से गाड़ी से टक्कर से करीब 5 इंजरी हैं, बाकी इंजरी गाड़ी में फंसकर घिसने या रगड़ने से हुई इंजरी हैं. मौत की वजह हेड, स्पाइन, लेफ्ट फीमर और दोनों निचले अंग में इंजरी की वजह से "सदमा और रक्तस्राव" हो सकता है. ये सभी इंजरी समग्र रूप से मौत की वजह हो सकती हैं या फिर हेड, स्पाइन, लंबी हड्डियां और बाकी चोटें अलग से भी मौत की वजह हो सकती हैं. ये सभी इंजरी कार की टक्कर के ब्लंट बल के प्रभाव और घसीटे जाने के कारण हुई थीं.
कंझावला केस में इसलिए जोड़ी गई 302 यानी हत्या की धारा...
दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के 31 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक के रूट की CCTV पैमिंग की थी
1- वारदात के बाद दो जगह पर आरोपी कार से नीचे झांकते हुए दिखाए दिए हैं. दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया है और फोरेंसिक एक्सपर्ट को इसे भेजा गया है
2- आरोपियों ने कबूल किया है, उन्हें पता चल गया था कि कार के नीचे ह्यूमन बॉडी है, इसके बावजूद इसके वो गाड़ी चलाते रहे.
3- गवाह निधि ने बताया था कि आरोपी जान गए थे कि नीचे लड़की फंसी हुई है लेकिन फिर भी वे कार चलाते रहे.
धारा 302 पर अदालत में कहां फंस सकता है मामला ...
1- 302 यानी हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस को हत्या का मकसद भी बताना होगा कि आखिर किस वजह से आरोपियों ने हत्याकांड को अंजाम दिया
2- दिल्ली पुलिस शुरू से कह रही है कि दो गाड़ियों की टक्कर हुई जिसके बाद अंजली कार में फंसी और घसीटा गया जिससे उसकी मौत हुई
3- इस मामले मेंपुलिस के पास गवाह भी हैं जिसने बताया कि स्कूटी और कार की टक्कर हुई थी
कुल मिलाकर 302 यानी अदालत में हत्या को साबित करना एक टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.
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