"उम्मीद है कि बीजेपी उस विश्वास पर खरी उतरेगी जो मतदाताओं ने उन पर जताया है": कमल नाथ

राज्य में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस के सामने मौजूद चुनौतियों पर पूर्व सीएम ने कहा, "आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती युवाओं का भविष्य, बेरोजगारी और कृषि संकट है, कृषि हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था का 70 प्रतिशत हिस्सा है. हम कृषि क्षेत्र की ताकत को प्राथमिकता देना चाहते हैं." 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमल नाथ (फाइल फोटो)

भाजपा ने मध्य प्रदेश में लगभग सत्ता विरोधी लहर को दरकिनार करते हुए भारी जीत हासिल की. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्य सुप्रीमो कमल नाथ ने रविवार को कहा कि वह इस "लोकतांत्रिक प्रतियोगिता" में लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं और उनकी पार्टी ऐसा करेगी. कमल नाथ ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, "हम इस लोकतांत्रिक प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश के मतदाताओं के जनादेश को स्वीकार करते हैं, हम विपक्ष की भूमिका निभाएंगे."

राज्य में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस के सामने मौजूद चुनौतियों पर पूर्व सीएम ने कहा, "आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती युवाओं का भविष्य, बेरोजगारी और कृषि संकट है, कृषि हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था का 70 प्रतिशत हिस्सा है. हम कृषि क्षेत्र की ताकत को प्राथमिकता देना चाहते हैं." बीजेपी को जीत की बधाई देते हुए कमल नाथ ने कहा, ''मैं भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि जिन लोगों ने उन्हें यह जनादेश दिया है, वे अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे.''

कांग्रेस, ने 2018 विधानसभा चुनाव जीता था, तत्कालीन पार्टी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के बाद उसकी सरकार अल्पमत में आ जाने के बाद सत्ता खो गई. सिंधिया अंततः अपने वफादार विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने के लिए पार्टी द्वारा 'दूसरा मौका' गंवाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "यह हमारा दूसरा मौका था. मैंने हमेशा कहा है कि मुझे मध्य प्रदेश के मतदाताओं पर विश्वास है, मुझे उम्मीद है कि भाजपा उस विश्वास पर खरी उतरेगी जो मतदाताओं ने उन पर जताया है,'' 

Advertisement

यह पूछे जाने पर कि पार्टी कहां चुनाव हार गई और कई सर्वेक्षणकर्ताओं ने भविष्यवाणी की कि वे जीतेंगे, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हम अपने उम्मीदवारों के साथ अपनी कमियों पर चर्चा करेंगे. "उन्होंने कहा, "चुनाव नतीजों में मध्य प्रदेश की जनता ने जो फैसला किया है, मैं उसे स्वीकार करता हूं. हमें विपक्ष में बैठने की जिम्मेदारी दी गई है और हम अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे. मध्य प्रदेश के सामने इस समय सबसे बड़ा सवाल यह है कि यहां के युवाओं का भविष्य क्या होगा." मध्य प्रदेश सुरक्षित होना चाहिए और हमारे किसानों को समृद्धि मिलनी चाहिए. मैं भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं, मुझे उम्मीद है कि जनता ने उन पर जो भरोसा दिखाया है, वे उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे.'' 

Advertisement

आप सभी को याद होगा कि मैंने कभी सीटों की घोषणा नहीं की. मैंने हमेशा कहा है कि मुझे मध्य प्रदेश के मतदाताओं पर विश्वास है और आज भी मैं कहूंगा कि मुझे मध्य प्रदेश के मतदाताओं पर विश्वास है. मैं सभी हारे हुए उम्मीदवारों के साथ समीक्षा करूंगा. और जीतने वाले विधायकों की क्या वजह थी कि हम मध्य प्रदेश के मतदाताओं को अपनी बात नहीं समझा सके." 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने पर कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार के 15 महीने के कार्यकाल को छोड़कर, मध्य प्रदेश पिछले बीस वर्षों से भाजपा का गढ़ रहा है.

Advertisement

मुख्यमंत्री पद के लिए किसी चेहरे के साथ सामने न आने का निर्णय लेते हुए, भाजपा ने बड़े पैमाने पर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने कमल नाथ को अपने सीएम उम्मीदवार के रूप में पेश किया.

Advertisement

ये भी पढ़ें : पूर्वी राजस्थान के पांच जिलों में भाजपा विधायकों की संख्या एक से बढ़कर 13 हुई

ये भी पढ़ें : MP Election Results : नरोत्तम मिश्र सहित शिवराज मंत्रिमंडल के दस से अधिक मंत्री हारे

Featured Video Of The Day
UP Madrasa Act: यूपी के मदरसों के लिए क्‍यों है खुशी का मौका, जरा Supreme Court के फैसले को समझिए
Topics mentioned in this article