ज्योति मल्होत्रा से माधुरी गुप्ता तक... ये हैं पाकिस्तान की जासूसी के 10 किस्से और किरदार

ये पहली बार नहीं है जब ज्योति मल्होत्रा, शहज़ाद, देवेंद्र सिंह, नोमान इलाही, गजाला समेत तमाम लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इनसे पहले भी बहुत से लोगों पर देश की संवेदनशील जानकारी दुश्मन के साथ शेयर करने के आरोप में एक्शन लिया जा चुका है.

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पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में अब तक कौन-कौन गिरफ्तार.

नई दिल्ली:

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया कि इसे पूरी दुनिया ने देखा. भारतीय सेना ने चुन-चुनकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. भारतीय सुरक्षा एजेंसी की नजर अब देश में छिपे उन गद्दारों पर है, जो पाकिस्तानी के लिए जासूसी करते हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले 2 हफ्तों में देश की तमाम जगहों से 8 पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार (Pakistan Spy Arrested) किया है. हरियाणा की रहने वाली यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा से लेकर गुजरात के मोहम्मद मुर्तजा अली तक, ये पहली बार नहीं है, जब पाक के लिए जासूसी के आरोप में इन गद्दारों पर एक्शन लिया गया है. इससे पहले भी इस तरह के कदम उठाए जाते रहे हैं.  

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साल 2025: ज्योति मल्होत्रा

हरियाणा के हिसार की रहने वाली 33 साल की ट्रैवल व्लॉगर ज्योति को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में 17 मई, 2025 को गिरफ्तार किया गया. उस पर एहसान-उर-रहीम (उर्फ दानिश) समेत ISI ऑपरेटरों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप लगा है. आरोप है कि ज्योति कई बार पाकिस्तान भी गई थी. वह एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए ISI ऑपरेटर्स के संपर्क में थी. कई अहम दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हुआ है. 

साल 2025: सुखप्रीत सिंह

सुखप्रीत सिंह पर पंजाब के गुरदासपुर में सेना की गतिविधियों समेत ऑपरेशन सिंदूर के बारे में गोपनीय जानकारी ISI ऑपरेटर्स संग शेयर करने का आरोप है. इस मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. खबर ये भी है उसने इसके बदले ISI हैंडलर्स से 1 लाख रुपए भी लिए थे. 

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2025: करणबीर सिंह

 करणबीर सिंह पर भी ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को मुहैया कराने का आरोप है. उसे सुखप्रीत सिंह के साथ गुरदासपुर में ISI के संचालकों को सेना की अहम जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

साल 2025: देवेंदर सिंह ढिल्लों

हरियाणा के कैथल से राजनीति विज्ञान के 25 साल के छात्र देवेंदर सिंह ढिल्लों को पटियाला की सैन्य छावनी की तस्वीरों समेत संवेदनशील जानकारी ISI एजेंटों संग शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि उसने नवंबर 2024 में पाकिस्तान का दौरा भी किया था. 

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साल 2016: महमूद अख्तर

नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर को कुछ संवेदनशील भारतीय दस्तावेज इकट्ठा करते हुए पकड़ा गया था. उसे अवांछित घोषित करते हुए देश से निष्कासित कर दिया गया था. इस घटना ने जासूसी में पाकिस्तानी राजनयिकों की भूमिका को उजागर कर दिया. 

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साल 2010: माधुरी गुप्ता

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में 53 साल की भारतीय राजनयिक और सेकेंड सेक्रेट्री माधुरी गुप्ता को 22 अप्रैल, 2010 को पाक खुफिया एजेंसी ISI संग देश की संवेदनशील जानकारी शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जानकारी के मुताबिक माधुरी एक यंग ISI ऑपरेटिव जमशेद (उर्फ जिम) के हनीट्रैप में फंस गई थीं. माधुरी पर जिम के साथ भारतीय अधिकारियों और सीक्रेट रास्तों की जानकारी साझा करने का आरोप लगा था. मई 2018 में वह दोषी पाई गईं, जिसके बाद उनको 3 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. 

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साल 2008: बीजिंग में भारतीय दूतावास का अधिकारी

चीन की राजधानी बीजिंग में भारतीय दूतावास के एक सीनियर अधिकारी को चीनी महिला के हनीट्रैप में फंसने के बाद देश  वापस बुला लिया गया था. सुरक्षा एजेंसियों को शक था कि उस महिला का लिंक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से था, जिससे संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ गया था. 

साल 2006: NSCS का जासूस

देश के प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े इंडियन नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में कंप्यूटर सुरक्षा विशेषज्ञ के तौर पर काम करने वाले मुकेश सैनी की भूमिका कथित तौर पर सीआईए जासूस के रूप में उजागर हुई थी.  उसका पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से इनडायरेक्ट कनेक्शन होने का शक सुरक्षा एजेंसियों को था. हालांकि उससे जुड़ी जानकारी को गोपनीय रखा गया था. इस घटना ने उच्च-स्तरीय सरकारी कार्यालयों में जोखिम को उजागर कर दिया. 

साल 2004: रबिंदर सिंह

भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) में सीनियर अधिकारी रबिंदर सिंह कथित तौर पर CIA की जासूसी का आरोप लगा था.  सुरक्षा एजेंसियों को संदेह था कि वह पाकिस्तान के साथ संवेदनशील जानकारी शेयर कर रहा था. उस पर अमेरिकी एजेंसी में काम करने वाली अपनी बहन के जरिए दक्षिण एशिया में अमेरिकी सरकार की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का आरोप लगा था. रॉ की नजरों से बचकर वह साल  2004 में नेपाल के रास्ते अमेरिका भाग गया था. 

साल 2005-2007: कमोडोर सुखजिंदर सिंह

रूस में तैनात नौसेना अधिकारी कमोडोर सुखजिंदर सिंह हनीट्रैप में फंस गए थे. उन पर एक रूसी महिला के साथ संबंध बनाने का आरोप लगा था. अधिकारियों को संदेह था कि वह रूसी महिला पाकिस्तान के लिए जासूसी करती थी. महिला जासूस के साथ नौसेना अधकारी के अवैध संबंधों का खुलासा होने के बाद साल 2011 में उनको पद से बर्खास्त कर दिया गया था.