जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बी ए खान ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा है कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान जनहित को ध्यान में रखकर ही जज टिप्पणियां करते हैं. उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज ने हालात के हिसाब से ही अपनी टिप्पणी की है. ये बात तो आज देश का हर नागरिक कह रहा है, इसमें कुछ अलग कहां है.
पूर्व जस्टिस बी ए खान ने कहा कि अगर जज मर्जी के मुताबिक फैसले देते हैं तो अच्छा है और कुछ अलग बोलते हैं तो इस तरह से आलोचना की जाती है, ये गलत है.
उन्होंने कहा कि जज या न्यायपालिका को टारगेट करना गलत है. सोशल मीडिया पर आजकल ट्रोल किया जाने लगा है. हालांकि कई सारे जज इस पर ध्यान नहीं देते हैं, उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता.
मीडिया के बारे में बोलते हुए पूर्व जस्टिस बी ए खान ने कहा कि पहले जो मामले कोर्ट में होते थे, उस पर टिप्पणी करने पर कंटेप्ट ऑफ कोर्ट का मामला होता था, लेकिन आज न्यायालय में चल रहे मामलों को लेकर भी मीडिया में जमकर बहस होती है और कुछ नहीं होता. कोर्ट में चल रहे मामलों पर डिबेट करना या फैसला सुना देना बिल्कुल गलत है.
जस्टिस बी ए खान ने कहा कि अभी जो हालात हैं, उसमें संविधान के मुताबिक एक ही संस्था है, जो इससे बचा सकती है और वो है न्यायपालिका. न्यायपालिका को अपना रोल निभाना चाहिए.