JNU में दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान बवाल, ABVP नेता बोले- वामपंथी छात्र संगठनों ने की मारपीट

JNU में गुरुवार शाम दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान बवाल हो गया. ABVP ने छात्र नेताओं ने दावा किया कि वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने विसर्जन यात्रा में शामिल छात्रों से मारपीट की.

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JNU में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान.
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  • JNU विश्वविद्यालय के परिसर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान दो छात्र गुटों के बीच झड़प हुई.
  • ABVP के अनुसार वामपंथी छात्र संगठनों ने विसर्जन यात्रा में शामिल विद्यार्थियों पर हिंसक हमला किया.
  • घटना साबरमती टी-प्वाइंट के पास शाम करीब सात बजे हुई, जिससे कैंपस में तनाव का माहौल बन गया.
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राजधानी दिल्ली स्थित देश की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में गुरुवार को बवाल हुआ. यहां गुरुवार को विजयादशमी के मौके पर निकाली गई दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा में दो छात्र गुटों के बीच झड़प हुई. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों ने कहा कि मूर्ति विसर्जन के दौरान AISA, SFI, DSF जैसे वामपंथी छात्र संगठनों ने विसर्जन में शामिल विद्यार्थियों के साथ मारपीट की. 

यह घटना JNU कैंपस में स्थित साबरमती टी प्वाइंट के पास गुरुवार शाम लगभग 7 बजे की है. फिलहाल इस घटना को लेकर कैंपस में तनाव का माहौल है. विवि प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी है. 

शांतिपूर्ण तरीके से बीती नवरात्रि, विसर्जन में बवाल

मालूम हो कि जेएनयू में पूरी नवरात्रि शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित कार्यक्रम हुए थे. हजारों की संख्या में बुधवार को स्टूडेंट्स ने नवमी के अवसर पर प्रसाद ग्रहण किया था. लेकिन आज विसर्जन के दौरान बवाल हो गया. जिससे जेएनयू के विवादों की फेहरिस्त में एक और कहानी जुड़ गई.

अभाविप ने कहा- लेफ्ट ने जानबूझकर भड़काया माहौल 

JNU ABVP से जुड़े छात्रों ने कहा कि यह सब JNU छात्रसंघ अध्यक्ष नीतीश कुमार के कहने पर हुई. मूर्ति पर पत्थर फेंके गए. लेफ्टिस्ट ने पहले अपना पुतला दहन का कार्यक्रम बराक छात्रावास पर रखा था पर अंत समय में जानबूझ कर इन्होंने टी-प्वाइंट पर इसे शिफ्ट किया ताकि दुर्गा पूजा विसर्जन यात्रा पर हमला कर सकें.

प्रतिमा विसर्जन का एक वीडियो ऐसा ही आया, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कुछ छात्र विसर्जन यात्रा को हाथों में चप्पल लिए दिखाते हुए विरोध कर रहे थे.

इससे पहले भी वामपंथी छात्रों पर महिषासुर का नारा लगाते हिंदू त्योहारों के अपमान का आरोप लगा था. हालांकि आज हुई घटना के मामले में अभी तक पुलिस में कोई शिकायत नहीं हुई है. 

ABVP की ओर से जारी प्रेस नोट में कही गई ये बातें

मामले में एबीवीपी की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि जेएनयू में दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा के दौरान वामपंथी संगठनों द्वारा हिंसक हमला किया गया. आईसा, एसएफआई, डीएसएफ, जैसे वामपंथी छात्र संगठनों ने साबरमती टी-पॉइंट पर शाम लगभग 7 बजे विसर्जन में शामिल विद्यार्थियों पर जूते-चप्पल दिखाए, पत्थरबाज़ी की और अभद्र नारेबाज़ी की. इस घटना में कई छात्राएं और विद्यार्थी घायल हुए.

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विसर्जन यात्रा में बवाल को लेकर अभाविप के नेताओं ने क्या कहा?

एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष मयंक पंचाल ने कहा, “जेएनयू का वातावरण हमेशा से विविधता और उत्सवधर्मिता से समृद्ध रहा है. दस दिनों तक विद्यार्थियों ने माँ दुर्गा की भक्ति में सहभागिता की, जिससे विश्वविद्यालय का सांस्कृतिक सौंदर्य और अधिक प्रखर हुआ. लेकिन वामपंथी छात्र संगठनों ने इस पवित्र आयोजन को भी हिंसा और घृणा से कलंकित किया. यह केवल एक धार्मिक आयोजन पर हमला नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय की उत्सवधर्मी परंपरा और विद्यार्थियों की आस्था पर सीधा प्रहार है. एबीवीपी किसी भी कीमत पर ऐसी सांस्कृतिक आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगी.”

एबीवीपी जेएनयू के मंत्री प्रवीन पीयूष ने कहा, “आज की घटना ने एक बार फिर वामपंथी मानसिकता का असली चेहरा सामने ला दिया है. ये संगठन न तो छात्रों की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हैं और न ही परिसर की शांति का. दुर्गा विसर्जन जैसी पावन परंपरा में पत्थरबाज़ी करना और छात्राओं तक पर हमला करना निंदनीय और शर्मनाक है. यह विश्वविद्यालय को अस्थिर करने की गहरी साज़िश है. हम प्रशासन से माँग करते हैं कि हिंसक गतिविधियों में शामिल सभी वामपंथी छात्रों की पहचान कर तुरंत कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी संगठन छात्रों के सांस्कृतिक अधिकारों को कुचलने का दुस्साहस न कर सके.”

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जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने कहा, “आज वामपंथी गुंडों ने जिस तरह से शोभायात्रा में हिंसा की और छात्राओं पर पत्थरबाज़ी तक की, उससे यह सिद्ध हो गया कि उन्हें भारतीय संस्कृति और हिंदू परंपराओं से गहरी नफरत है. यह केवल छात्रों पर हमला नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक सौहार्द और भाईचारे पर सीधा प्रहार है. दुर्भाग्य है कि जो संगठन स्वयं को प्रगतिशील कहते हैं, वही सबसे अधिक त्योहारों और भारतीय मूल्यों का अपमान करते हैं. जेएनयूएसयू इस घटना की कड़ी निंदा करता है और प्रशासन से माँग करता है कि तुरंत और कठोर कार्रवाई कर परिसर में शांति और सांस्कृतिक सौहार्द को पुनः स्थापित किया जाए.”

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