JMM प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के राज्यपाल से की मुलाकात, कहा -जल्द स्थिति स्पष्ट करेंगे महामहिम

बता दें कि हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद मामले में हाल ही में चुनाव आयोग ने अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेजी थी. इसमें सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सलाह दी गई थी, लेकिन राज्यपाल ने अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया है.  

विज्ञापन
Read Time: 24 mins

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अयोग्यता को लेकर संभावित फैसले पर सबकी नज़र है, और इसी दौरान राज्य में सत्तासीन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) तथा कांग्रेस का गठबंधन गुरुवार शाम को राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. महामहिम राज्यपाल से मुलाकात के बाद जेएमएम के महासचिव  सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि एक से दो दिन में राज्यपाल स्थिति को साफ करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय ने साफ किया है कि हमे चुनाव आयोग से एक पत्र मिला है. जिसपर कानूनी राय लेने के बाद स्थिति को साफ कर दिया जाएगा. हमने उनसे कहा कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता है, जिस तरह से साशन-प्रशासन यहां पर काम कर रहा है उससे ये तो साफ है कि राज्य में हॉर्श ट्रेडिंग का माहौल बनाया जा रहा है. ऐसे में राज्यपाल को चाहिए कि वो जल्द से जल्द स्थिति को साफ करें. 

उधर, इस मुलाकात के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि मुझे चुनाव आयोग की तरफ से एक पत्र मिला है. राजभवन दो तीन बिंदुओं पर स्टडी कर रहा है. जल्द ही स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी.

बता दें कि हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद मामले में हाल ही में चुनाव आयोग ने अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेजी थी. इसमें सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सलाह दी गई थी, लेकिन राज्यपाल ने अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया है.  

Advertisement

सीएम हेमंत सोरेन के एक विधायक के रूप में भविष्य को लेकर बनी अनिश्चितता के चलते झारखंड में राजनीतिक संकट गहराया हुआ है. सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘खरीद फरोख्त' के प्रयासों से बचाने की कोशिशें की जा रही हैं. विदायकों को छत्तीसगढ़ भेज दिया गया है. उभरती परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीतिक तैयारी लगातार जारी हैं. 

Advertisement

बता दें कि निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को बेंच को एक याचिका पर अपनी राय भेजी थी, जिसमें सोरेन द्वारा खुद को एक खनन पट्टा आवंटित करके चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता भाजपा ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन करने के लिए सोरेन को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की है. यह अधिनियम सरकारी अनुबंधों के लिए अयोग्यता से संबंधित है.

Advertisement

यह भी पढ़ें -
JMM प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के राज्यपाल से मांगा मिलने का समय, 4 बजे होगी मुलाकात

केरल विधानसभा में विवादास्पद विश्वविद्यालय कानून विधेयक पारित, UDF ने किया बहिष्कार

Advertisement

VIDEO: CM केजरीवाल ने कट्टर ईमानदार और कट्टर बेईमान पार्टी के बीच समझाया फर्क

Featured Video Of The Day
Israel Hamas War: 7 अक्टूबर हमले के मास्टरमांइड Yahya Sinwar की मौत की इस तरह हुई पुष्टि
Topics mentioned in this article