झारखंड के देवघर में त्रिकूट पहाड़ियों पर रविवार को रोपवे की कई ट्रॉलियां आपस में टकरा गई थीं, इस हादसे में तीन लोगों की मौत हुई है. रविवार के इस हादसे में 12 केबिनों में कई दर्जन लोग फंस गए थे जिनमें से 62 को सुरक्षित निकाला गया है.करीब 20 लोग अभी भी चार केबल कारों में फंसे हुए हैं. 27 लोगों को बचा लिया गया है जबकि एक अन्य व्यक्ति की इस दौरान मौत हुई है. रात के कारण फिलहाल बचाव कार्य को रोक दिया गया है और इसे कल सुबह फिर शुरू किया जाएगा.
घायलों को इलाज के लिए देवघर सदर अस्पताल भेजा गया है. एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा लगता है कि यह घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई, जिसके परिणामस्वरूप केबल कारों की टक्कर हुई.न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, हादसा होने के बाद रोपवे मैनेजर और दूसरे कर्मचारी मौके से भाग गए थे.
हादसे के सटीक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है. अधिकारी ने कहा कि घटना के बाद केबल कार से कूदने की कोशिश में पति-पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को बचाव अभियान के लिए मौके पर तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग भी बचाव अभियान में एनडीआरएफ की मदद कर रहे हैं.
उपायुक्त ने लोगों से अफवाह न फैलाने की अपील करते हुए कहा, ''स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. कुछ लोग अभी भी रोपवे में केबल कारों में फंसे हुए हैं और उन्हें बचाया जा रहा है. सभी पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है.
वहीं देवघर में हुए त्रिकूट रोप वे हादसे पर सांसद निशिकांत दुबे की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि वह त्रिकूट रोपवे दुर्घटना में घायल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.
देवघर के त्रिकूट रोपवे पर रविवार से फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम के अलावा सेना के जवान भी पहुंचे हैं. हेलिकॉप्टर से मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.