झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) गुमला जिला के सिसई में चौथे चरण के 'आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत गुमला पहुंचे. यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार रांची हेडक्वार्टर से नहीं, गांव-देहात से चलती है. जब से सरकार बनाई तब से वे चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने सरकार बनाई थी तब वे बच्चे की तरह दिखते थे, लेकिन विपक्ष के षड्यंत्र का सामना करते-करते अब वे बूढ़े दिखने लगे हैं.
विपक्ष हमारे खिलाफ लगातार कर रहा है साजिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि "आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार " का चौथा चरण चल रहा है. हर गांव- मोहल्ला टोला में शिविर लगाकर आपकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. मेरा आपसे कहना है कि आपका अधिकार आपका दरवाजा खटखटा रहा है. आप आगे आएं और और अपनी जरूरत की योजना को अपने घर में ले जाएं. साथ ही मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा की जब सरकार बनाया था तब वे बच्चे की तरह दिखते थे लेकिन विपक्ष के षड्यंत्र का सामना करते करते अब वे बूढ़े दिखने लगे हैं.
केंद्र सरकार आदिवासी धर्म कोड को रोक रही है
सीएम सोरेन ने कहा कि जल, जंगल और जमीन झारखण्ड की पहचान है. अलग-अलग कारणों से कई बार यहां के लोग विस्थापित होते गए. नए-नए कानून बनाकर आदिवासी-मूल वासियों को भगाया जाता रहा है. लेकिन हम लोगों ने इसका अलग रास्ता बनाया है कि कैसे हम अपने जल, जंगल और जमीन बचाएंगे. आज देश की सूची में आदिवासियों की पहचान नहीं है. इसलिए झारखण्ड सरकार ने आदिवासी सरना धर्मकोड विधानसभा से पारित करके भेजा, लेकिन भारत सरकार द्वारा इस पर आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. अगर सरना धर्म कोड मिल जाए, यहां के आदिवासियों के लिए कोड मिल जाए तो, देश के आदिवासी सुरक्षित हो जाएंगे. हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी कोशिश है कि हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशी लाना है और सरकार इसी संकल्प के साथ लगातार काम कर रही हैं.
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