झारखंड के दुमका में मंगलवार को सिरफिरे युवक ने एकतरफा प्यार में असफल होने पर 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 19 साल की युवती को जिंदा जला दिया जिससे उसकी मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है. लोगों के भारी विरोध को देखते हुए प्रोहिबटरी ऑर्डर जारी करते हुए प्रशासन ने शहर में बड़ी सभाओं या किसी भी बड़े तरह की गैदरिंग (भीड़) पर रोक लगा दी है.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने घटना का फास्ट ट्रैक से निष्पादन हेतु निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि ऐसी घटनाओं के लिए समाज में कोई जगह नहीं है. ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करना चाहिए. इन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी जाइए. उन्होंने ट्वीट किया, 'अंकिता बिटिया को भावभीनी श्रद्धांजलि. अंकिता के परिजनों को 10 लाख रु की सहायता राशि के साथ इस घृणित घटना का फास्ट ट्रैक से निष्पादन हेतु निर्देश दिया है. पुलिस महानिदेशक को भी उक्त मामले में एडीजी रैंक अधिकारी द्वारा अनुसंधान की प्रगति पर शीघ्र रिपोर्ट देने हेतु निर्देश दिया है.
वहीं मृतका ने मरने से पहले अपने बयान में आरोपी और एक अन्य व्यक्ति का नाम "छोटू" लिया. उसने कहा कि दोनों ने खिड़की के बाहर से उस पर पेट्रोल फेंका, जब वह सो रही थी और आग लगा दी. उसने कहा, उसके चेहरे को छोड़कर उसका पूरा शरीर जल गया. पुलिस हिरासत में लिए गए एक अन्य आरोपी छोटू खान उर्फ नईम से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने कहा कि स्थिति सामान्य है और नियंत्रण में है. लोग हमारा सहयोग कर रहे हैं. हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं. दुमका के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और धारा 144 लागू कर दी गई है.
गौरतलब है कि 23 अगस्त को शाहरुख ने एकतरफा प्यार में असफल होने पर पड़ोस के व्यवसायी संजीव सिंह की 19 वर्षीय बेटी अंकिता पर देर रात सोते समय खिड़की से पेट्रोल उड़ेल कर आग लगा दी थी, जिसमें वह 90 प्रतिशत जल गयी थी. घटना से क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव व्याप्त हो गया है.
झारखंड में महिलाओं के ‘सुरक्षित नहीं होने' का दावा करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को जानना चाहा कि एक व्यक्ति द्वारा कथित रूप से जिंदा जलाए जाने से हुई 12वीं कक्षा की एक छात्रा की मौत के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुप्पी क्यों साधे हुए हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास और बाबूलाल मरांडी सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने इस जघन्य अपराध में शामिल व्यक्ति के खिलाफ फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमा चलाकर उसे सजा दिलाने की मांग की.
हालांकि, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आरोप लगाया कि भाजपा मामले को लेकर ‘साम्प्रदायिक राजनीति' करने का प्रयास कर रही है और कहा कि सरकार भी इस घटना में शामिल व्यक्ति के लिए कड़ी सजा चाहती है.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दास ने कहा, ‘‘एक युवती को जिंदा जलाकर मार डाला गया, लेकिन मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. क्या यह तुष्टिकरण की नीति नहीं है? हमने रांची हिंसा मामले में आरोपी नदीम (अंसारी) को एयर एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाते हुए देखा ताकि सरकारी खर्च पर उसका बेहतर इलाज हो सके, जबकि झुलसी 19 साल की युवती का ठीक से ख्याल नहीं रखा गया.'' बता दें कि इस घटना पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने अपना विरोध जताया है.
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