झारखंड : झुंड से 'निकाले गए' हाथी ने दो माह में 16 ग्रामीणों को मार डाला

गुरुवार को इस हाथी ने एक बुजुर्ग दंपती को अपनी सूंड से उठा लिया और पटककर उन्‍हें मार डाला.

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हाथी अपने उग्र व्‍यवहार के कारण मुसीबत बन गया है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

एक हाथी (Elephant) ने झारखंड (Jharkhand) में पिछले दो माह में कम से कम 12 ग्रामीणों को मार डाला है. समझा जाता है कि 'खराब व्‍यवहार' के कारण हाथियों ने इस हाथी को झुंड से बाहर निकाल दिया है. वन्‍य जीव अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इस नर हाथी की उम्र 15 से 16 वर्ष बताई गई है और 22 हाथियों के झुंड से अलग होने के बाद इसने राज्‍य के संथाल परगना आदिवासी क्षेत्र में तांडव मचा रखा है. 

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रीजनल डिवीजनल फॉरेस्‍ट ऑफिसर सतीश चंद्र राय ने AFP को बताया, 'ऐसा लगता है कि यह मदांध था और संभवत: खराब व्‍यवहार या सैक्‍सुअल प्रतिद्वंद्विता के कारण इसे अन्‍य नर हाथियों ने झुंड से 'निष्‍कासित' कर दिया है. हम उसे व्‍यवहार का अध्‍ययन कर रहे हैं, इसके साथ ही 20 अधिकारियों की टीम लगातार इस हाथी को ट्रैक कर रही है क्‍योंकि हमारी प्राथमिकता लोगों के साथ साथ जानवर का संरक्षण भी है.' अपने झुंड के साथ फिर से जुड़ने की कोशिश कर रहे यह हाथी अब तक अपनी गति और अप्रत्‍याशित व्‍यवहार से अधिकारियों को मात देने में सफल रहा है. 

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गुरुवार को इस हाथी ने एक बुजुर्ग दंपती को अपनी सूंड से उठा लिया और पटककर उन्‍हें मार डाला. राय ने कहा कि यह हाथी उन्‍हीं लोगों की 'हत्‍या' कर रहा है जो उसके रास्‍ते में आ रहे हैं, उसके करीब आ रहे हैं या फिर उसे रोकने या उसके फोटो खींचने की कोशिश कर रहे हैं. यह न तो घरों में घुसने की कोशिश कर रहा है और न ही लोगों पर जानबूझकर हमला कर रहा है. उन्‍होंने कहा कि यह हम यह देखना चाहते हैं कि क्‍या उसे झुंड में स्‍वीकार किया जाता है, यदि उसे स्‍वीकार नहीं किया जाता तो यह साबित हो जाएगा कि वह 'दुष्‍ट हाथी' है. 
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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