कोई चीख रहा, कोई रो रहा... झांसी में गम और राजनीति हर बीतते पल बढ़ रहा

Jhansi Medical College Fire: झांसी के अस्पताल में लगी आग ने पूरे देश को झकझोर दिया है. अभी वहां क्या स्थिति है, इस रिपोर्ट में जानिए...

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Jhansi Medical College Fire: झांसी की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है.

Jhansi Hospital Fire: शुक्रवार आधी रात से कुछ समय पहले झांसी (Jhansi Fire Incident) चीखों से कांप उठा. ये चीखें थीं नवजात बच्चों और उनके माता-पिता की. कुछ समय या घंटे पहले जिन नवजातों ने दुनिया में कदम रखा था, वो ऐसी स्थिति में थे कि शायद अपने जीवन की सीमा पार कर चुके लोग भी वैसी अवस्था को देख नहीं पाए होंगे. महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज (Maharani Laxmi Bai Medical College) में शनिवार को स्थिति और भी भयावह थी. जिन 10 बच्चों की मौत इस घटना में हो गई वे तो अस्पताल में रो ही रहे थे, उन नवजात बच्चों के माता-पिता की हालत और ज्यादा खराब थी, जिनके बच्चे आंशिक रूप से जल गए और उनका इलाज चल रहा है. 

महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में NDTV की टीम मौके पर पहुंची तो देखा एक महिला जमीन पर बेसुध पड़ी है, वह इतने सदमे में थी कि वह अपना दुख बता तक नहीं कर पा रही थी. उसके रिश्तेदार उसे दिलासा देने की कोशिश कर रहे थे. उसके बगल में, एक आदमी अपनी दुखी पत्नी को संभालने के लिए संघर्ष कर रहा था और चिल्ला रहा था, "मेरा बच्चा जल गया."वो उस औरत का पति था.

एक शिशु की मां भगवती ने बताया कि जब वार्ड में आग लगी तो हर कोई चिल्ला रहा था. वार्ड के अंदर के लोग बच्चों को उठा रहे थे और उन्हें खिड़कियों के बाहर खड़े उनके माता-पिता को सौंप रहे थे.मैंने इंतजार करने की बजाए आग वाले वार्ड की तरफ भागी, अपने बच्चे को उठाया और बाहर आ गई.

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एक अन्य महिला ने कहा, "हमारे बच्चों को बचाने के लिए कोई नहीं आया."

बताया जा रहा है आग शायद शॉर्ट-सर्किट के कारण लगी. उस समय वार्ड में कम से कम 54 बच्चे मौजूद थे. उनमें से 44 को बचाया जा सका, अधिकारियों ने आज सुबह इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सात पीड़ितों की पहचान कर ली गई है.

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज सुबह कहा कि आग में घायल हुए कम से कम 16 शिशु अभी भी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

कुछ घायल बच्चों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें इलाज करा रहे अपने बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा है. अस्पताल परिसर में माता-पित विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि माता-पिता को बच्चों की पहचान को लेकर किसी तरह भ्रम न हो, इसलिए उन्हें बच्चों से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही.

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उधर, आग लगने की घटना पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. विपक्ष ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना चुनाव प्रचार छोड़कर राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. कांग्रेस ने भी प्रशासन की विफलता का आरोप लगाया है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

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योगी आदित्यनाथ ने आज एक रैली को संबोधित करते हुए इसे दुखद घटना बताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. केंद्र और राज्य ने पीड़ित परिवारों और घायलों के लिए अलग-अलग वित्तीय सहायता की घोषणा की है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मौके पर पहुंच गए हैं. सीएम योगी ने भी झांसी पहुंच पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. 

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