क्यों जेवर एयरपोर्ट पर विमान की लैडिंग नोएडा वालों के लिए सबसे बड़ी खबर है

जेवर हवाई अड्डा से प्रदेश में शहरीकरण को बढ़ावा मिल रहा है. अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी और मेट्रो लाइन विस्तार जैसी सरकारी पहलों ने एक टाउनशिप के रूप में जेवर के विकास को और गति प्रदान की है. यहां पर जमीनों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं.

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नोएडा:

योगी सरकार अपने राज्य की प्रगति के लिए समय-समय पर कई नई योजनाएं लॉन्च करती रही है. इन्हीं योजनाओं मे से एक योजना जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. एयरपोर्ट का शिलान्यास 3 साल पहले किया गया था और अब इसका काम लगभग पूरा हो गया है. आज उत्तर प्रदेश के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहली बार फ्लाइट की लैंडिंग भी हुई है. एयरपोर्ट पर सुरक्षा से जुड़े सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं. उम्मीद है कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जल्द ही आम जनता के लिए खुल जाएगा. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने के साथ ही इलाके के आसपास रहने वाले लोगों को काफी फायदा मिलने वाला है. 

कब शुरू होगा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अनुसार एयरपोर्ट का पहला फेज 1,334 हेक्टेयर में 12 मिलियन कैपेसिटी के साथ शुरू होगा. पूरी तरह तैयार होने के बाद देश में क्षेत्रफल के लिहाज से यह सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. इसके टर्मिनल, एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम) और हवाई पट्टी का काम लगभग पूरा हो चुका है. एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक अप्रैल 2025 के अंत तक इस पर कमर्शियल फ्लाइट का संचालन शुरू हो जाएगा.

नोएडा के लोगों को होगा फायदा

  • जेवर एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद नोएडा और उसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग को फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली नहीं आना होगा.
  • यहां के लोग आसानी से देश और विदेश के लिए जेवर एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ सकेंगे.
  • नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी एयरपोर्ट तक आसानी से जा सकें.
  • प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाली 130 मीटर सड़क का चौड़ीकरण करा रहा है.
  • ऐसे में लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिल जाएगी और आसानी से एयरपोर्ट तक पहुंच सकेंगे.

बढ़े जमीनों के दाम, लोगों को फायदा

जेवर हवाई अड्डा से प्रदेश में शहरीकरण को बढ़ावा मिल रहा है. अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी और मेट्रो लाइन विस्तार जैसी सरकारी पहलों ने एक टाउनशिप के रूप में जेवर के विकास को और गति प्रदान की है. इन पहलों ने पिछले 5 वर्षों में भूमि की कीमत में वृद्धि की है, जो 5,000 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है. जमीन के दाम बढ़ने से जेवर के आसपास रहने वाले लोगों को चांदी हो गई है. इसके अलावा योगी सरकार 'यूपी एग्रीज परियोजना' के तहत जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब की स्थापना करने जा रही है. यानी हर तरफ से जेवर का विकास हो रहा है.

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उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से फिल्म सिटी तक लाइट ट्रांजिट रेल (एलआरटी) के संचालन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. यानी लोगों को अच्छी कनेक्टिविटी भी मिल जाएगी.

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भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर पर ले जाने के लक्ष्य को पूरा करने में जेवर एयरपोर्ट काफी सहायक होगा.

पूरी तरह से डिजिटल एयरपोर्ट

ये अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पूरी तरह से डिजिटल एयरपोर्ट होगा. इसमें इनडोर नेविगेशन, पैसेंजर फ्लोर मैनेजमेंट, स्मार्टफोन द्वारा चेक इन, बैगेज ड्रॉप और सभी चेकप्वाइंट पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसे टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल किया जा रहा है.  

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