"पहले अपने गिरेबान में झांक लें...": UP सरकार के मंत्री राकेश सचान मामले पर JDU ने BJP पर साधा निशाना

हाल ही में नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था. बाद में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामपंथी दलों से हाथ मिला लिया और राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाई.

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कुछ बोलने से पहले थोड़ी तो शर्मिंदगी का अहसास कीजिए: जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह
पटना:

उत्‍तर प्रदेश के कुटीर, लघु एवं मध्‍यम उद्योग मंत्री राकेश सचान के अवैध रूप से हथियार रखने के मामले पर जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरा है. राजीव रंजन सिंह ने आज ट्वीट करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी से कहा, नीतीश जी को चुनौती देने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें. उत्तर प्रदेश सरकार के कारनामों को देख लें. यूपी के मंत्री श्री राकेश सचान को कितने साल की सजा हुई है ? सजायाफ्ता होने के बाद भी मंत्री बने हैं कि नहीं ? मंत्री जी अदालत से सजा की कॉपी लेकर भाग गए. कुछ बोलने से पहले थोड़ी तो शर्मिंदगी का अहसास कीजिए.

ट्वीट में राजीव रंजन सिंह ने आगे लिखा कि  नीतीश जी को ज्ञान देने की जरूरत नहीं है. एक कहावत है, 'चलनी दूसे सूप को जिसमें खुद बहत्तर छेद'... नैतिकता का पाठ पढ़ाने से पहले अपनी नैतिकता का भी आकलन कर लें. सुशील मोदी जी, लखीमपुर खीरी का जवाब भी जनता आपसे जानना चाहती है. जरा मुंह तो खोलिए, कुछ तो बोलिए..! और जरा यह भी बताइये कि लखीमपुर खीरी की घटना पर सर्वोच्च न्यायालय ने क्या-क्या टिप्पणियां की थी आपकी उत्तरप्रदेश सरकार पर. आत्ममंथन कीजिए, चिंतन-मनन कीजिए..... तब बोलिए.

बता दें कि हाल ही में नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था. बाद में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामपंथी दलों से हाथ मिला लिया और राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाई. इस राजनीतिक उलट-फेर को भाजपा ने जनता से धोखा और जनादेश का अपमान बताया था. वहीं गठबंधन टूटने के बाद जेडीयू और बीजेपी आमने-सामने आ गई हैं.

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