केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत सेना में होने वाली बहाली की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 1 जुलाई से आवेदन लेने की प्रक्रिया जारी है. आवेदन में अन्य दस्तावेजों के साथ-साथ अभ्यर्थियों से उनके जाति प्रमाण पत्र की भी मांग की गई है. चूंकि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार के कोई आरक्षण का प्रावधान नहीं है, ऐसे में अभ्यर्थियों से जाति प्रमाण पत्र की मांग करने पर बिहार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने सवाल उठाया है.
पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और एमएलसी उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर सवाल उठाया है और रक्षा मंत्री से पूर मामले में ध्यान देने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, " रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए."
बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते महीने थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना' का ऐलान किया है. इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर' कहा जाएगा. भर्ती चार साल के लिए होगी, जिसके बाद केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही स्थायी नौकरी मिलेगी, जबकि बाकियों को एक तय राशि के साथ वापस घर आना पड़ेगा.
केंद्र की इस योजना का युवा जमकर विरोध कर रहे हैं. योजना की घोषणा के 24 घंटे बाद ही प्रदर्शन का दौर जारी हो गया था. देश के विभिन्न राज्यों में युवाओं ने सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन किया था. खास कर यूपी-बिहार में काफी बवाल हुआ था, जिसके बाद केंद्र ने योजना में बदलाव करने साथ ही भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था.
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