जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद अली अशरफ फातमी (Mohammad Ali Ashraf Fatmi) ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद उनके वापस राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में जाने की अटकलें शुरू हो गई हैं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को हाथ से लिखे पत्र में फातमी ने कहा कि वह “अपने मूल्यों की रक्षा करते हुए” महासचिव के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं.
उन्होंने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “मैंने जदयू छोड़ दी है और इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता. जहां तक मेरे भावी कदम का सवाल है तो यह कुछ दिन में पता चल जाएगा.”
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने सोमवार को बिहार के लिए सीट-बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा की थी, जिसके एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. फॉर्मूल के तहत भाजपा दरभंगा और मधुबनी समेत 17 सीट पर चुनाव लड़ेगी. फातमी दरभंगा से चार बार सांसद रहे हैं जबकि अंदरूनी सूत्रों के अनुसार मधुबनी सीट जदयू के खाते में जाती, तो उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया जा सकता था.
फातमी ने 5 साल पहले छोड़ी थी राजद
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रहे फातमी ने पांच साल पहले राजद की ओर से एक अन्य प्रमुख मुस्लिम चेहरे अब्दुल बारी सिद्दीकी को दरभंगा से टिकट देने और तत्कालीन गठबंधन सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के लिए मधुबनी सीट छोड़ने के विरोध में राजद छोड़ दी थी.
मुस्लिम समर्थन मजबूत करने की कोशिश!
अटकलें लगाई जा रही हैं कि फातमी राजद में वापस जा सकते हैं. राजद नीतीश कुमार के वापस भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में जाने के बाद अपने मुस्लिम समर्थन को मजबूत करने की कोशिशें कर रहा है.
फातमी के बेटे फराज जदयू के मौजूदा विधायक हैं.
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