जनता दल यूनाइटेड ने राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव का आज फिर बचाव किया. लालू यादव के ख़िलाफ़ सीबीआई द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में उनकी ज़मानत याचिका रद्द कराने की याचिका पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने कहा कि कोर्ट इस मामले को देखेगा, लेकिन उन्हें जान बूझकर तंग पालतू तोते के माध्यम से किया जा रहा है.
लालू प्रसाद यादव की बढ़ी मुश्किलें
सुप्रीम कोर्ट डोरंडा कोषागार मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को दी गई जमानत को रद्द करने के अनुरोध संबंधी सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू की दलीलों पर गौर किया. राजू ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए मामले का उल्लेख किया था.
कोर्ट से दोषी करार दिये जा चुके हैं लालू यादव
चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन मामले में दोषी करार दिए गए लालू प्रसाद यादव को रांची में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने पिछले साल 21 फरवरी को पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
25 अगस्त को होगी मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 25 अगस्त को निर्धारित की है. उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल, 2022 को डोरंडा कोषागार गबन मामले में 75 वर्षीय यादव को जमानत दे दी थी. यादव को रांची में सीबीआई की एक अदालत ने पिछले वर्ष 15 फरवरी को इस मामले में दोषी ठहराया था. जब यह कथित घोटाला हुआ उस समय लालू अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री थे और वित्त विभाग भी उनके पास था. यादव को पशुपालन विभाग के जरिये कथित तौर पर रिश्वत मिली थी. फर्जी चालान और बिल जारी किये गये जिन्हें वित्त विभाग की ओर से मंजूरी दी गई और सरकारी खजाने से पैसा जारी किया गया.
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