कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने रविवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (H D Deve Gowda) जनता दल (सेक्युलर) का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठजोड़ करने को विवश हुए, क्योंकि उनके कई विधायक पार्टी छोड़ने के लिए तैयार थे. सिद्धारमैया ने मांडया जिले के मालवल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों को यह याद दिलाया कि जद(एस) ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 37 सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2023 में 18 सीट गंवा दी और केवल 19 सीट ही जीत सकी थी.
उन्होंने कहा, ‘‘एक भी सीट नहीं जीत पाने की आशंका के चलते, उन्होंने भाजपा के साथ गठजोड़ किया, क्योंकि जद(एस) के कई विधायक पार्टी छोड़ने के लिए तैयार थे. उन्हें रोकने के लिए देवेगौड़ा ने यह नाटक (भाजपा-JDS गठजोड़) किया.
सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें अच्छी तरह से याद है कि देवेगौड़ा ने एक बार कहा था कि वह मुसलमान के रूप में अगला जन्म लेना चाहेंगे, लेकिन उन्होंने भाजपा के साथ गठजोड़ कर लिया.
सेक्युलर शब्द के इस्तेमाल का नैतिक अधिकार नहीं : सिद्धारमैया
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि कृपया अपनी पार्टी जनता दल (सेक्युलर) से ‘सेक्युलर' (धर्मनिरपेक्ष) शब्द हटा दें. साम्प्रदायिक भाजपा के साथ गठजोड़ करने के बाद आपको ‘सेक्युलर' शब्द का इस्तेमाल करने नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है.''
उन्होंने मांडया के लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की, क्योंकि इसने कर्नाटक की महिलाओं को राज्य में कहीं भी सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने वाली ‘शक्ति' योजना सहित सभी पांच प्रमुख चुनावी गारंटी को पूरा किया है.
उन्होंने लोगों से कहा कि कर्नाटक में महिलाओं ने इन बसों में अब तक 155 करोड़ मुफ्त यात्राएं की हैं.
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