अपहरण के आरोपों का सामना कर रहे कर्नाटक के जद (एस) विधायक और पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना को बुधवार को यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 14 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. साथ ही, सत्र अदालत के समक्ष उनकी जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई तय की गई है.
चार दिनों की पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद, जद (एस) के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के बेटे 66 वर्षीय रेवन्ना को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. अदालत ने उन्हें 14 मई तक सात दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
पुलिस के मुताबिक, रेवन्ना को एक महिला के अपहरण के कथित मामले में विशेष जांच दल ने हिरासत में लिया था. महिला के बेटे की शिकायत पर पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि विधायक के बेटे और सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने उसकी मां का यौन उत्पीड़न किया था. महिला को बाद में मुक्त कराया गया.
प्रज्वल से जुड़े यौन शोषण के आरोपों ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया और सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जद(एस) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
कांग्रेस सरकार ने जहां मामलों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है, भाजपा और जद (एस) - राजग सहयोगी - ने मांग की है कि जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी जाए.
कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. नागलक्ष्मी चौधरी ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और राज्य पुलिस प्रमुख आलोक मोहन को पत्र लिखकर हासन में प्रसारित वीडियो की जांच की मांग की, जिसके बाद कांग्रेस सरकार ने 28 अप्रैल को मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया.
हासन से राजग उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले प्रज्वल ने कथित तौर पर मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़ दिया. वह एसआईटी के समक्ष पेश होने के लिए जारी समन पर भी नहीं आए.
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