भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ साझा प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Japanese Prime Minister Fumio Kishida) ने यूक्रेन मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी. किशिदा ने कहा कि रूस का यूक्रेन पर हमला बेहद गंभीर विषय है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की नींव को हिला रहा है. जापानी पीएम ने जब ये बयान दिया, उस वक्त पीएम मोदी उनके बगल में खड़े थे. जापानी पीएम ने कहा, "किसी भी व्यक्ति को ताकत के बल पर मौजूदा वैश्विक व्यवस्था को बदलने की इजाजत नहीं दी जा सकती". उन्होंने दोहराया कि जापान यूक्रेन की मदद करता रहेगा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट के बीच भारत और जापान के बीच आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने की वकालत की. किशिदा ने कहा, भारत और जापान मौजूदा संकट का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं और हिंद प्रशांत महासागर में मुक्त एवं स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करेंगे.
वहीं भारत की ओर से अलग से जारी बयान में कहा गया, क्वाड हिन्द प्रशांत महासागर में शांति, स्थिरता और समृद्धता को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा. क्वाड गठबंधन (Quad alliance) के तीन सदस्यों जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से इतर भारत ने रूस की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ आए तीन प्रस्ताव के दौरान मतदान नहीं किया है. रूस ने भारत के स्वतंत्र और संतुलित रुख की प्रशंसा की है, जब नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र में आए प्रस्ताव के दौरान गैरहाजिर रहा.
रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश बना हुआ है. शीत युद्ध के दौरान भी भारत और रूस के बीच अच्छे रिश्ते बने हुए थे, जो आज तक कायम है. किशिदा एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए हैं. दोनों देशों के 14वां सालाना शिखर सम्मेलन हो रहा है.
भारत और जापान के बीच 14वां सालाना शिखर सम्मेलन शनिवार को हुआ. इसमें जापान ने भारत में अगले पांच साल में 42 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान कर रखा है.