ढह गई इमारतें, सड़क में दरारें: ना ट्रेन और ना ही प्लेन, बेहद मुश्किलों से जनता को बचाया जा रहा है

देश भर से हजारों सेना कर्मियों, अग्निशमन कर्मियों और पुलिस अधिकारियों को इशिकावा प्रान्त के अपेक्षाकृत सुदूर नोटो प्रायद्वीप में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है. राहतकर्मियों द्वारा जापान की जनता की ज़िंदगी बचाने की कोशिश जाती है. 

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अमेरिका ने कहा, इस बुरे समय में हम जापान के साथ हैं

इस वक़्त जापान के लोग बेहद परेशानी से गुजर रहे हैं. जापान में सोमवार को 7.5 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से जापान (Japan Earthquake) की धरती पूरी तरह से हिल गई. जब पूरी दुनिया नए साल के जश्न में डूबी थी तब जापान की जनता अपनी ज़िंदगी के लिए जूझ रही थी. इस घटना से करीब 8 लोगों की मौत हो गई. भूकंप के झटके से जापान की कई बिल्डिंगों में दरारें आ गईं वहीं कई सड़कों में दरारें देखने को मिल रहीहैं. एक दिन में 155 भूकंप के झटके जापान में महसूस किए गए. यूनाइटेड जूलॉजिकल सर्वे के मुताबिक यह भूकंप स्थानीय समय के मुताबिक शाम करीब 4 बजकर 10 मिनट पर इशिकावा प्रान्त के नोटो प्रायद्वीप पर आया. भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई में महसूस किया गया. जापान में धरती हिलते ही इमारतें ढह गईं, आग लग गई और पूर्वी रूस तक सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई,  जबकि जापान के तटीय इलाकों में रह रहे लोगों का वहां से चले जाने का आदेश दिया गया. 

7.6 की प्रारंभिक तीव्रता वाला भूकंप सोमवार को दोपहर के मध्य में आया, जिससे कुछ तटीय क्षेत्रों के निवासियों को ऊंचे स्थानों पर भागना पड़ा क्योंकि जापान के पश्चिमी समुद्र तट पर लगभग 1 मीटर (3.3 फीट) की सुनामी लहरें उठीं.

देश भर से हजारों सेना कर्मियों, अग्निशमन कर्मियों और पुलिस अधिकारियों को इशिकावा प्रान्त के अपेक्षाकृत सुदूर नोटो प्रायद्वीप में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है. राहतकर्मियों द्वारा जापान की जनता की ज़िंदगी बचाने की कोशिश जाती है. 

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बुरी तरह से क्षतिग्रस्त और अवरुद्ध सड़कों के कारण बचाव प्रयासों में बाधाएं आ रही हैं. वहीं रनवे में दरार के कारण क्षेत्र के एक हवाई अड्डे को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. ऐसे में राहतकर्मियों के लिए बहुत ही मुश्किल हो रही है. इन तमाम समस्याओं के बावजूद राहतकर्मी दिन रात मेहनत कर रहे हैं.

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प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने मंगलवार को एक आपातकालीन आपदा बैठक के दौरान कहा, "भूकंप से प्रभावित लोगों की खोज और बचाव समय के खिलाफ लड़ाई है." गौरतलब है कि भूकंप के कारण कई रेलवे ट्रैक खराब हो चुके हैं. रनवे पर दरारें आ गई हैं. ऐसे में लोगों को बचाना एक चुनौती है.

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लोकल मीडिया ने जानकारी देते हुए कहा कि सोमवार को कई लोगों की ज़िंदगियां आफत में हैं. नेशनल पुलिस एजेंसी ने कहा कि 6 लोगों की मौत हुई है वहीं 19 लोगों को परेशानी हो रही है.जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, सोमवार को पहली बार आए भूकंप के बाद से 140 से अधिक झटके पाए गए हैं. एजेंसी ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में और भी तेज़ झटके आ सकते हैं.

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका हर तरह से जापान की मदद करेगा. जापान की स्थिति दयनीय है. ऐसे में जापान हरसंभव मदद करने को तैयार हैं. अमेरिका ने कहा है कि जापान और अमेरिका दोस्त हैं. ऐसे में इस दुख की घड़ी में हरसंभव मदद किया जाएगा.

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