जन औषधि केंद्रों ने देश भर में गरीब रोगियों के बचाए 30 हजार करोड़

2014-15 में स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 38 हजार करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर करीब एक लाख करोड़ रुपये हो गया है. देश में टीबी की बीमारी में 17.7 प्रतिशत कमी आई है जो कि वैश्विक कमी से दोगुनी है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने बुधवार को कहा कि जन औषधि केंद्रों के माध्यम से अब तक गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपये बचे हैं. इसके अलावा, आयुष्मान योजना तथा स्वास्थ्य क्षेत्र के अन्य कार्यक्रमों से भी गरीबों को भारी राहत मिली है. राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए जे.पी. नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम और आयुष्मान जन आरोग्य योजना के जरिए गरीब रोगियों के 16 हजार करोड़ रुपये बचे हैं.

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में अभी 15 हजार जन औषधि केंद्र हैं. दो साल के अंदर 25 हजार और जन औषधि केंद्र हो जाएंगे. इनके माध्यम से गरीब रोगियों के 30 हजार करोड़ रुपये बचे हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम देश के 748 जिलों में चल रहा है. इसके तहत 1,575 केंद्र खोले गए हैं जिनमें 26 लाख 49 हजार रोगियों को लाभ मिला है. यहां तीन करोड़ 17 लाख डायलिसिस सेशन हो चुके हैं.

बजट का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 2014-15 में स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 38 हजार करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर करीब एक लाख करोड़ रुपये हो गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि देश में टीबी की बीमारी में 17.7 प्रतिशत कमी आई है जो कि वैश्विक कमी से दोगुनी है. टीबी से मृत्यु दर में 21 प्रतिशत की कमी आई है. उपचार के दायरे में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

उन्होंने बताया कि 30 साल की उम्र में हर किसी के ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की जांच की जाएगी. अब तक 100 करोड़ से अधिक लोगों के ब्लड प्रेशर की जांच की जा चुकी है. वहीं, 88.5 करोड़ लोगों की डायबिटीज की स्क्रीनिंग हो चुकी है.

Advertisement

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हम एनएचएम में तीन तरह के कैंसर की स्क्रीनिंग कर रहे हैं. आयुष्मान आरोग्य मंदिर, जिनकी संख्या एक लाख 76 हजार है, 30 साल की उम्र में हर एक के ओरल कैंसर, महिलाओं के स्तन कैंसर और सर्विक्स कैंसर की स्क्रीनिंग कर रहे हैं. अब तक 26.9 करोड़ लोगों की ओरल कैंसर की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. इनमें से एक लाख 63 हजार लोग ओरल कैंसर से पीड़ित पाए गए हैं जिनका उपचार शुरू हो गया है.

Advertisement
इसी तरह स्तन कैंसर के लिए 14 करोड़ 60 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई है. इनमें से 57 हजार कैंसर से पीड़ित पाई गई हैं. सर्विक्स कैंसर के लिए नौ करोड़ चार लाख लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है. इनमें से 97 हजार लोग सर्विक्स कैंसर से पीड़ित पाए गए हैं. उनका भी उपचार प्रारंभ हो चुका है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हरियाणा के झज्जर में विश्व स्तरीय कैंसर इंस्टीट्यूट बनाया गया है. यह विश्व के सर्वोत्तम कैंसर इंस्टीट्यूट में से एक है. चितरंजन कैंसर इंस्टीट्यूट, कोलकाता के लिए भी 500 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

Advertisement

उन्होंने बताया कि सिकल सेल एलिमिनेशन प्रोग्राम यानी वंशानुगत लाल रक्त कोशिका विकार के लिए चार करोड़ 80 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है. इसके लिए विशेष किस्म के कार्ड एक करोड़ 65 लाख लोगों को जारी किए जा चुके हैं. इस कार्ड की खासियत यह है कि यदि ये कार्ड आपस में मैच करते हैं तो वे दोनों व्यक्ति आपस में शादी कर सकते हैं, यदि मैच नहीं करते हैं तो शादी नहीं हो सकती. इसका लाभ यह होगा कि पैदा होने वाला बच्चा इस बीमारी से ग्रसित नहीं होगा.

Advertisement
जे.पी. नड्डा ने बताया कि 225 ऐसी दुकानें खोली गई हैं, जहां ब्रांडेड दवाइयां 50 प्रतिशत से अधिक की छूट पर उपलब्ध कराई जा रही हैं. इनमें कैंसर की दवाइयां भी शामिल हैं. अब तक 4.25 करोड़ लोगों ने इसका लाभ लिया है जिससे उनके चार हजार करोड़ रुपये बचे हैं. यहां अब तक 7,800 करोड़ रुपये की दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 157 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं और देश में मेडिकल सीटों की संख्या 1.11 लाख हो गई है. इनके अलावा, 75 हजार और नई मेडिकल सीटों की व्यवस्था की जा रही है. इस वर्ष 40 हजार सीटें बढ़ाई गई हैं, 75 नए सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक खोले गए हैं.

Featured Video Of The Day
National Herald Case: ED ने दाखिल की चार्जशीट, Sonia Gandhi और Rahul Gandhi का नाम | Breaking News
Topics mentioned in this article