जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने वाला बिल राज्यसभा से पास- पक्ष में 121, विरोध में 61 वोट पड़े

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने वाला बिल राज्यसभा (Rajya Sabha) में पास हो गया.

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जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाला बिल राज्यसभा से पास.
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जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाला बिल राज्यसभा से पास
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल के समर्थन में 121, विरोध में 61 वोट पड़े
मंगलनवा को लोकसभा में इस बिल को पेश किया जाएगा
नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने वाला बिल राज्यसभा (Rajya Sabha) में पास हो गया. अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख (ladakh) को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) पुनर्गठन बिल के पक्ष में 125 और विरोध में 61 वोट पड़े. मंगलवार को यह बिल लोकसभा (Lok Sabha) में पेश किया जाएगा. इससे साथ-साथ केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (Article 370) को हटाने का ऐलान भी कर दिया. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया. सरकार के इस फैसले को बीजेपी और उसके सहयोगियों के अलावा कुछ विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन किया है.

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गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्‍यसभा में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख (Ladakh) में विधानसभा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि यह कदम सीमा पार आतंकवाद के लगातार खतरे को देखते हुए उठाया गया है. उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोग लंबे समय से उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कर रहे थे और यह फैसला स्थानीय जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लिया गया है.

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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद अब देश में कुल 9 केंद्र शासित प्रदेश हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर से लद्दाख (Ladakh) के अगल होने पर कई बदलाव देखने को मिलेंगे. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) का क्षेत्रफल, आबादी और वहां के नियम कानून सब बदल जाएगा. 2011 की जनगणना के मुताबिक जम्मू-कश्मीर (लद्दाख को मिलाकर) की जनसंख्या 12,541,302 (1 करोड़ 25 लाख 41 हजार 302)  है. लेकिन लद्दाख के अलग होने के बाद अब जम्मू-कश्मीर की जनसंख्या 12,267,013 (1 करोड़ 22 लाख 67 हजार 13) हो जाएगी. साथ ही इसके क्षेत्रफल में भी बदलाव होगा. जम्मू-कश्मीर का क्षेत्रफल (लद्दाख को मिलाकर) 222,236 किलोमीटर स्क्वायर है, लेकिन लद्दाख को हटाकर अब जम्मू-कश्मीर का क्षेत्रफल 163,040 किलोमीटर स्क्वायर हो जाएगा.

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अब जम्मू-कश्मीर (Jammu Kasmir) में देश के अन्य राज्यों के लोग भी जमीन लेकर बस सकेंगे. साथ ही अब कश्मीर का अब अलग झंडा नहीं होगा यानी कि वहां भी अब तिरंगा लहराएगा. जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों की दोहरी नागरिकता समाप्त हो जाएगी. जम्मू-कश्मीर की लड़कियों को अब दूसरे राज्य के लोगों से भी शादी करने की स्वतंत्रता होगी और दूसरे राज्य के पुरुष से शादी करने पर उनकी नागरिकता खत्म नहीं होगी.

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जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य है, लेकिन इसके भागों जम्मू और कश्मीर में काफी विवधता है. कश्मीर की ज्यादा आबादी मुस्लिम है. वहीं, जम्मू की आबादी 65 प्रतिशत हिंदू और 30 प्रतिशत मुस्लिम है. कश्मीर घाटी में जल की बहुलता है. अनेक नदी नालों और सरोवरों के अतिरिक्त कई झीलें हैं. वुलर मीठे पानी की भारतवर्ष में विशालतम झील है. डल झील कश्मीर के मुख्य आकर्षणों में से एक है.

उधर, जम्मू कश्मीर से धारा 370 (Article 370) को हटाए जाने के बाद राज्‍यसभा में जवाब देते गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि आर्टिकल 370 (Article 370) के कारण आज जम्मू-कश्मीर के लोग गुरबत की जिंदगी जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसकी छाया में 3 परिवारों ने आजादी से लेकर आज तक राज्य को लूटा है. उऩ्होंने कहा कि धारा 370 के कारण ही जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार पला और चरम सीमा पर पहुंचा. उन्होंने कहा कि धारा 370 ने जम्मू कश्मीर, लद्दाख और घाटी के लोगों का बहुत नुकसान किया है.

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