श्रीनगर के सैदपोरा में आतंकवादियों ने की कश्मीरी पंडित और सिख टीचर की हत्या

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक बार फिर से आतंकवादियों की ओर से सामान्य नागरिकों की हत्या किए जाने की खबर आई है. गुरुवार की सुबह श्रीनगर के सैदपोरा में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित और सिख टीचर की हत्या कर दी है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक बार फिर से आतंकवादियों की ओर से सामान्य नागरिकों की हत्या किए जाने की खबर आई है. गुरुवार की सुबह श्रीनगर के सैदपोरा में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित और सिख टीचर की हत्या कर दी है. यह हमला तब हुआ है, जब अभी दो दिन पहले ही श्रीनगर की मशहूर फार्मेसी के मालिक एक बुजुर्ग केमिस्ट की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. 68 साल के माखनलाल बिंदरू की मंगलवार को उनके व्यवसायकि परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

बीते एक हफ्ते में आतंकवादियों ने श्रीनगर में लगभग 7 नागरिकों की हत्या की है. मंगलवार को कश्मीर पंडित माखनलान बिंदरू की हत्या का मामला तेजी से उठ रहा है क्योंकि वो वहां के बड़े व्यवसायी थे. बिंदरू 1990 के दशक में जब आतंकवाद अपने चरम पर था, तब भी वो कश्मीर में ही रहे और अपनी फार्मेसी चलाते रहे.

मंगलवार को ही श्रीनगर के लाल बाजार में आतंकी हमले में एक स्ट्रीट फूड विक्रेता की हत्या कर दी गई थी, जिसकी पहचान पुलिस ने वीरेंद्र पासवान के रूप में की है. बिहार के भागलपुर का रहने वाला वीरेंद्र श्रीनगर के जदीबल इलाके में रहता था. एक अन्य आतंकी हमले में बांदीपोरा में आतंकवादियों ने एक और नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी. शख्स की पहचान इलाके के एक टैक्सी स्टैंड के अध्यक्ष मोहम्मद शफी के रूप में हुई.

वहीं, इसके पहले 2 अक्टूबर को आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों से कथित संबंधों के लिए माजिद अहमद गोजरी और मोहम्मद शफी डार की हत्या कर दी थी. रेसिस्टेंस फ्रंट ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली थी.

बता दें कि जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने संदिग्ध रूप से आतंकवादियों के लिए काम करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से हथियार तथा गोला बारुद बरामद किया था. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार शाम को कुपवाड़ा के करनाह इलाके में नियंत्रण रेखा के पास हाजीतारा में सफीर अहमद शेख और जमीर हुसैन शेख को पकड़ा गया. दोनों के पास से आठ हथगोले, एक पिस्तौल, सात गोलियां बरामद की गई थीं.

Topics mentioned in this article