जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में बुधवार को कथित तौर पर सेना की हिरासत से लापता युवक का शव मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर हिरासत में कथित मौत का आरोप लगाया है और न्याय की गुहार लगाई है. अब्दुल राशिद डार को सेना ने 15 दिसंबर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. सेना ने कहा कि 33 वर्षीय डार उनकी हिरासत से भाग गया. अगले दिन उसकी लाश जंगल में मिली थी.
पुलिस ने कहा कि उन्हें जिरहामा गांव के एक जंगल में शव मिला है. मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमार्टम कर शिनाख्त के बाद शव परिजनों को सौंप दिया. कुपवाड़ा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगुल मन्हास ने कहा, "सूचनाओं के बाद हम पिछले तीन दिनों से वन क्षेत्र की तलाश कर रहे थे. बुधवार को लाश मिली है." मन्हास ने कहा कि पुलिस ने दिसंबर में 'लापता व्यक्ति' की रिपोर्ट दर्ज की, जिसके बाद सेना ने उन्हें बताया कि डार उनकी हिरासत से भाग गया है.
मन्हास ने कहा, "सेना ने हमें लिखित में दिया है कि अब्दुल राशिद डार उनकी हिरासत से भाग गया है." लेकिन डार के परिवार और गांव वालों को यकीन नहीं हो रहा है. उनका आरोप है कि हिरासत में उनकी हत्या कर दी गई है. इसलिए उन्होंने प्रदर्शन करते हुए न्याय की गुहार लगाई है.
डार के परिवार ने कहा कि डार को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं. उसकी दो सर्जरी हुई थी. सेना ने 15 दिसंबर को कुनन पोशपोरा गांव स्थित उनके घर पर छापा मारा था. जहां से उसे हिरासत में लिया गया था. परिवार के एक सदस्य ने कहा, "जब अब्दुल रशीद डार रात का खाना खा रहा था, तब सैनिकों ने उसके घर पर छापा मारा. उसे घर से बाहर खींच लिया गया. हिरासत में ले लिया गया. अगली सुबह, सेना ने कहा कि वह उनकी हिरासत से भाग गया है."
परिवार को शव सौंपे जाने के तुरंत बाद एक बड़ी भीड़ विरोध में शामिल होने के लिए उमड़ पड़ी. भीड़ ने डार को हिरासत में मारे जाने का आरोप लगाया है. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों के बारे में और स्पष्ट हो पाएगा.
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