जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री श्रीनगर में हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट भी किया है. इस पोस्ट में उन्होंने कहा है कि बीते कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में इस तरह की कई आतंकी घटनाएं सामने आई हैं. आपको बता दें कि रविवार को आतंकियों ने श्रीनगर में रविवार बाजार में ग्रेनेड हमला किया था. इस हमले में कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है. जिनका फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है.
इस हमले को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा एक्स पर लिखा कि बीते कुछ दिनों से घाटी में आतंकी हमले और सेना के साथ आंतकियों के मुठभेड़ की कई घटनाएं सामने आई हैं. आज श्रीनगर में आतंकियों ने बेकसूर लोगों पर ग्रेनेड हमला किया है. ये बेहद विचलित करने वाला है. निर्दोष लोगों को निशाना बनाने को लेकर किसी तरह का कोई स्पष्टिकरण नहीं दिया जा सकता है. मुझे लगता है कि सुरक्षा एजेंसियों हर वो चीज करनी चाहिए जिससे की इस तरह के हमले आगे ना हों. ताकि घाटी में लोग बगैर किसी डर के रह सकें.
आपको आतंकी संगठनों को कुचलने की पूरी आजादी है - उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा
श्रीनगर में हुए आंतकी घटना को लेकर जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सेना को खुली छूट देने का ऐलान किया है. उन्होंने इस घटना के बाद कहा कि आपको आतंकी संगठनों को कुचलने की पूरी आजादी है. हम इस मिशन को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. मनोज सिन्हा ने ये बातें श्रीनगर में हुए ग्रेनेड हमले पर सूबे के डीजीपी नलिन प्रभात और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बाद कही.
फारूक अब्दुल्ला ने भी पहले की जांच की मांग
घाटी में एक के बाद एक हो रहे आतंकी हमलों को लेकर कुछ दिन पहले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी अपनी बात रखी थी. उस दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि ये हमले स्थानीय सरकार को अस्थिर करने के इरादे से किए जा रहे हैं. मेरा मानना है कि केंद्र सरकार को इन हमलों की स्वतंत्र जांच करनी चाहिए. साथ ही फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकियों को मारने की जगह उन्हें पकड़कर ये पूछताछ करना चाहिए कि आखिर इन हमलों के पीछे कौन हैं.
बीजेपी ने फारूख अब्दुल्ला को दिया जवाब
फारूक अब्दुल्ला के इस बयान को लेकर बाद में बीजेपी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी. इस प्रतिक्रिया में बीजेपी ने कहा था कि फारूक अब्दुल्ला के इस बयान से लगता है कि सत्ता में आने बाद उन्हें एहसास हो रहा है कि जम्मू-कश्मीर में कैसे विदेशी शक्तियां सक्रिय हैं. हम तो फारूक अब्दुल्ला से सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि उन्हें और जम्मू-कश्मीर की सरकार को केंद्र सरकार के साथ मिलकर इन ताकतों को खत्म करने की दिशा में काम करना चाहिए.