जम्मू-कश्मीर: टेक्स्टबुक में संवेदनशील सामग्री प्रकाशित करने पर प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (JKBOSE) ने रविवार को कहा कि दिल्ली स्थित पब्लिकेशन हाउस द्वारा सातवीं कक्षा के लिए प्रकाशित "इतिहास और नागरिक शास्त्र" संस्करण -2020 ने लोगों की भावनाओं को आहत किया है.

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श्रीनगर:

श्रीनगर जिला प्रशासन ने रविवार को पुलिस को दिल्ली के एक प्रकाशक और एक स्थानीय वितरक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इन पर सातवीं कक्षा की सामाजिक अध्ययन की पुस्तक में कथित रूप से संवेदनशील प्रकृति की सामग्री प्रसारित करने के आरोप हैं. 

श्रीनगर जिला प्रशासन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने 5 दिसंबर के अपने पत्र में कहा है, "मुख्य शिक्षा कार्यालय, श्रीनगर ने इस कार्यालय को सूचित किया है कि दिल्ली स्थित एक पब्लिकेशन हाउस, JAY CEE Publication (P) Ltd ने कक्षा 7वीं के लिए सामाजिक अध्ययन की एक पुस्तक प्रकाशित की है, जिसमें संवेदनशील प्रकृति की सामग्री कथित रूप से प्रकाशित की गई है और उसका सर्कुलेशन किया गया है. उक्त पुस्तक का स्टॉक किया जा रहा है और फिर पैराडाइज बुक शॉप, श्रीनगर द्वारा वितरित किया जा रहा है. उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, कानून के अनुसार पुस्तक के उक्त प्रकाशक और वितरक के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाता है." 

जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (JKBOSE) ने रविवार को कहा कि दिल्ली स्थित पब्लिकेशन हाउस द्वारा सातवीं कक्षा के लिए प्रकाशित "इतिहास और नागरिक शास्त्र" संस्करण -2020 ने लोगों की भावनाओं को आहत किया है.

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बोर्ड ने तदनुसार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) या जेकेबीओएसई से संबद्ध सभी स्कूलों से तुरंत किताब वापस लेने का निर्देश दिया है.

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जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (JKBOSE) की अधिसूचना में कहा गया है, "जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के सभी स्कूलों, जो सीबीएसई, जेकेबीओएसई या देश के किसी अन्य बोर्ड से संबद्ध हैं, को निर्देशित किया जाता है कि वे JAY CEE पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली  द्वारा प्रकाशित कक्षा 7वीं की 'इतिहास और नागरिक शास्त्र', संस्करण, 2020 की पाठ्यपुस्तक का उपयोग न करें और यदि किसी भी स्कूल में पाठ्यपुस्तक का उपयोग किया जा रहा है, तो इसे तुरंत वापस ले लिया जाना चाहिए, अन्यथा कानून के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी."

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इसमें कहा गया है, "लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली कुछ सामग्री के प्रकाशन के कृत्य की निंदा की जाती है और प्रकाशक को निर्देश दिया जाता है कि इस पाठ्यपुस्तक को सभी स्कूलों से तुरंत वापस ले, जहाँ भी इसे वितरित किया गया है."

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