चाबहार डील पर भारत से चिढ़े बैठे अमेरिका को जयशंकर की दो टूक, जानें क्या-क्या कहा?

चाबहार पोर्ट को लेकर अमेरिका के सवाल (US On Chabahar Port Deal) पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "मैंने कुछ टिप्पणियां देखीं, जो की गई थीं, लेकिन मुझे लगता है कि यह लोगों को संवाद करने, समझाने और समझाने का सवाल है कि यह वास्तव में यह सभी के फायदे के लिए है."

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
चाबहार पोर्ट डील पर भारत की अमेरिका को दो टूक.(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

भारत ने ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह को लेकर 10 साल की डील (Chabahar Port Deal) की है, जिसके अमेरिका बिल्कुल भी खुश नहीं है. अमेरिका ने भारत को प्रतिबंधों के संभावित जोखिम की चेतावनी दी है. चेतावनी के एक दिन बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को दो टूक जवाब दिया है. एस जयशंकर ने ये भी साफ कर दिया कि इस परियोजना से पूरे क्षेत्र को फायदा होगा, इसके लिए छोटी सोच को लोगों को स्वीकार नहीं करना चाहिए.

विदेश मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका ने पहले चाबहार पोर्ट के व्यापक महत्व को स्वीकार किया था. उन्होंने यह बात मंगलवार को कोलकाता में अपनी किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' के बांग्ला संस्करण के विमोचन के बाद एक बातचीत के दौरान कही. 

विदेश मंत्री जयशंकर से जब अमेरिका की रुख के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "मैंने कुछ टिप्पणियां देखीं, जो की गई थीं, लेकिन मुझे लगता है कि यह लोगों को संवाद करने, समझाने और समझाने का सवाल है कि यह वास्तव में यह सभी के फायदे के लिए है. मुझे नहीं लगता कि लोगों को इसके बारे में छोटी सोच रखना चाहिए."

"चाबहार पोर्ट से सभी को फायदा"

एस जयशंकर ने कहा,"अमेरिका ने पहले ऐसा नहीं किया है, इसलिए, अगर आप चाबहार में बंदरगाह को लेकर अमेरिका के रवैये को देखें, तो पहले वह पोर्ट की व्यापक प्रासंगिकता की सराहना करता रहा है. उन्होंने कहा कि हम इस पर काम करेंगे."

Advertisement

Advertisement

चाबहार डील पर अमेरिका की भारत को चेतावनी

बता दें कि अमेरिका ने मंगलवार को  चेतावनी दी थी कि तेहरान के साथ व्यापारिक डील पर विचार करने वाले "किसी को" भी प्रतिबंधों के संभावित जोखिम के बारे में पता होना चाहिए. अमेरिकी विदेश विभाग के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "मैं बस यही कहूंगा...ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे और इनको जारी रखा जाएगा." जब उनसे यह पूछा गया कि इन प्रतिबंधों के दायरे में क्या भारतीय कंपनियां भी आ सकती हैं, इस पर वेदांत पटेल मे कहा कि जो कोई भी ईरान के साथ व्यापारिक सौदे पर विचार कर रहा है, उस पर संभावित जोखिम का खतरा बना रहेगा. 

Advertisement

भारत-ईरान के बीच चाबहार पोर्ट डील

बता दें कि भारत और ईरान ने चाबहार के शाहिद बेहश्ती बंदरगाह के टर्मिनल के संचालन के लिए एक समझौता किया है. 10 साल के लिए एक डील पर हस्ताक्षर किए गए हैं, यह जानकारी ईरान में भारतीय दूतावास की तरफ से एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी गई. इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के पोर्ट्स एंड मेरिटाइम ऑर्गनाइजेशन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए.

Advertisement
यह पहला मौका है जब भारत विदेश में मौजूद किसी बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा. चाबहार पोर्ट ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद है. इस बंदरगाह को भारत और ईरान मिलकर विकसित कर रहे हैं.

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान के साथ एक बैठक में कहा, 'इस डील पर हस्ताक्षर के साथ हमने चाबहार में भारत की दीर्घकालिक भागीदारी की नींव रखी है. इस डील से चाबहार बंदरगाह की व्यवहार्यता और दृश्यता पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा. चाबहार न सिर्फ भारत का निकटतम ईरानी बंदरगाह है बल्कि समुद्री परिवहन की दृष्टि से भी यह एक शानदार है. 

भारत-ईरान के बीच पहले भी हुई डील

भारत और ईरान के बीच साल 2016 में भी शाहिद बेहेस्ती पोर्ट के संचालन के लिए डील हुई थी. अब हुई नई डील को 2016 की डील का ही ना रूप माना जा रहा है. बता दें कि इसके विकास के लिए दोनों देशों के बीच 2023 में सहमति बनी थी.भारत का कहना है कि इस डील ने पोर्ट में बड़े निवेश का रास्ता खुलेगा.

चाबहार डील आखिर है क्या?

पहले भारत से अफगानिस्तान को भेजा जाने वाला कोई भी सामान पाकिस्तान के रास्ते होकर जाता था. लेकिन इस डील से भारत को अब व्यापार के लिए पाकिस्तान की जरूरत नहीं होगी. अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया से बिजनेस के लिए भारत को नया रूट मिल जाएगा. अब तक इन देशों तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान का सहारा लेना पड़ता था. यह बंदरगाह भारत के लए रणनीतिक और कूटनीति के लिहाज के भी अहम है. 

ये भी पढ़ें-भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों से की मुलाकात, चाबहार सहित इन मुद्दों पर हुई चर्चा

ये भी पढ़ें-Chabahar Port Deal: India-Iran Port Deal पर America का कैसा रुख?

Featured Video Of The Day
Maharashtra Exit Poll: बढ़ा हुआ मतदान और नए एग्ज़िट पोल्स महाराष्ट्र में क्या कर रहे हैं इशारा?
Topics mentioned in this article